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मस्जिदों और वक्फ की सुरक्षा के लिए जमीयत ने बनाया नया प्लान, एक लाख लोकल यूनिट बनाने का टार्गेट

नई दिल्ली स्थित जमीयत उलमा-ए-हिंद के मदनी हॉल में मौलाना महमूद असद मदनी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति की एक अहम सभा आयोजित की गई. इस सभा में देश की वर्तमान सांप्रदायिक स्थिति और ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई. सभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई और एक लाख लोकल यूनिट बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी
जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी

नई दिल्ली के आईटीओ स्थित जमीयत मुख्यालय के मदनी हॉल में जमीयत उलमा-ए-हिंद की कार्यकारिणी समिति की एक अहम बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने की, जिसमें संभल मस्जिद विवाद और अजमेर दरगाह मामले समेत देश की वर्तमान सांप्रदायिक स्थिति और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर गहन चर्चा की गई.

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बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ की गई कार्रवाईयों और हाल ही में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक पर विस्तार से चर्चा की गई. मौलाना महमूद असद मदनी ने देश में बढ़ रही सांप्रदायिकता और नफरत के माहौल पर चिंता जाहिर की. उनका कहना था कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सुव्यवस्थित प्रयासों की आवश्यकता है.

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पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन पर जोर

मौलाना मदनी ने कहा कि मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे झूठे आरोपों ने भी स्थिति को और गंभीर बना दिया है. मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि सांप्रदायिकता का सामना साम्प्रदायिकता से नहीं, बल्कि तर्कसंगत और उचित जवाब देना समय की जरूरत है. सभा में नए कार्यकाल 2024-27 के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद के नए सदस्य बनाने की प्रक्रिया की घोषणा भी की गई.

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सदस्यता अभियान की अवधि 1 अप्रैल 2025 तक चलेगी. इसके बाद, विभिन्न इकाइयों के चुनाव 31 मई 2025 तक होंगे. बैठक के दौरान यह भी चर्चा की गई कि पिछले कार्यकाल में हमारी 6800 स्थानीय इकाइयां थीं. इस बार पूरे देश में अधिक से अधिक इकाइयां बनाने का लक्ष्य है.

मौलाना मदनी ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जमीयत एक संवैधानिक और लोकतांत्रिक संगठन है और इसे बनाए रखना अहम है.

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मस्जिदों और दरगाहों की सुरक्षा और वक्फ संपत्तियों की हो रक्षा!

सभा के अंत में, मौलाना मदनी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे अपने चरित्र और आचरण के माध्यम से समाज में एकता और बेहतर संबंध स्थापित करने की कोशिश करें. उन्होंने विभिन्न मस्जिदों और दरगाहों की सुरक्षा और वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए सक्रिय उपाय करने की जरूरतों पर भी जोर दिया.

फरवरी 2025 में एक सम्मेलन का होगा आयोजन

कार्यकारिणी समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रयासों की समीक्षा की. इस विषय पर राज्य इकाइयों को विशेष निर्देश दिए गए. इनके अलावा, फरवरी 2025 में एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया गया, जिसमें मुस्लिम देशवासियों के योगदान को उजागर किया जाएगा.

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