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4 बैग, खून के धब्बे... आतंकियों के पीछे लगी सेना की टुकड़ी पर अटैक, कैप्टन शहीद

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में राइफल और कुछ बैग मिलने के बाद भारतीय सेना ने एंटी-टेरर ऑपरेशन शुरू किया था. इस दौरान एक आतंकी के घायल होने का भी पता चला था.

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J-K: डोडा में सेना और आतंकियों की मुठभेड़ (सांकेतिक तस्वीर)
J-K: डोडा में सेना और आतंकियों की मुठभेड़ (सांकेतिक तस्वीर)

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के डोडा जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ चल रही है. इस बीच इंडियन आर्मी की तरफ पुष्टि की गई है कि एनकाउंटर के दौरान सेना का एक अफसर शहीद हो गया है. रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना के 48 नेशनल राइफल्स के एक कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए हैं. इससे पहले खबर आई थी कि इलाके में एक आतंकवादी घायल हुआ है, जिसके बारे में अब जानकारी सामने आई है कि वो मारा जा चुका है. डोडा इलाके में सेना ने एंटी-टेरर ऑपरेशन चलाया था.

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कौन थे शहीद कैप्टन दीपक सिंह?

शहीद कैप्टन दीपक सिंह, काउंटर इंसर्जेंसी 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर तैनात थे. वह क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व कर रहे थे जो कि डोडा के अस्सर में छिपे आतंकियों की तलाश में जुटी थी. इसी दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. युवा सेना सर्च ऑपरेशन में एक कंपनी का नेतृत्व करने के लिए फील्ड मेजर बनाया गया था. उन्होंने अपने कंपनी का फ्रंट से नेतृत्व करते हुए उन्होंने युद्ध क्षेत्र में शहीद होने से पहले आतंकी को मार गिराया था. वह राष्ट्रीय राइफल्स में कैप्टन के साथ-साथ हॉकी के शानदार खिलाड़ी भी थे.

सेना का मिले आतंकियों के बैग और राइफल

जानकारी के मुताबिक, सेना और आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ वाली जगह से खून से लथपथ 4 बैग बरामद किए गए हैं, जिससे पता चलता है कि जैश के 4 आतंकवादियों का समूह गंभीर रूप से घायल हो गया है. जब तक शव नहीं बरामद होते, तब तक उनके मारे जाने की पुष्टि करना मुश्किल है. सेना द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

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जिले में पिछले महीने भी हुआ था एनकाउंटर

डोडा जिले में पिछले महीने सेना और आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी सहित 5 जवानों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. मुठभेड़ तब हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (SOG) के जवानों ने डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरारबागी में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया. 

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थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की. एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर सैनिकों ने चुनौतीपूर्ण इलाके में घने जंगलों के बीच उनका पीछा किया, जिसके बाद रात 9 बजे के आसपास जंगल में एक और मुठभेड़ हुई. अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

कठुआ में आतंकियों ने घात लगाकर किया था हमला

डोडा के गढी भगवा इलाके में 9 जुलाई की शाम शुरू हुए एनकाउंटर में सेना और आंतकियों की तरफ से लगातार फायरिंग हुई. इलाके में 2-3 आतंकियों के फंसे होने की आशंका थी. हालांकि, वे भागने में कामयाब रहे. जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो ट्रकों पर हमला किया था, जिसमें एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. दोपहर के 3.30 बजे थे और कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दो ट्रकों में सेना के करीब 12 जवान जा रहे थे.

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आतंकियों ने घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर फायरिंग की थी. सेना के जवान जब तक संभले और काउंटर फायरिंग शुरू की, तब तक आतंकी जंगल में भागने में कामयाब रहे. इस हमले की जिम्मेदारी भी कश्मीर टाइगर्स ने ली थी. इसमें 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई थी, जो एडवांस हथियारों से लैस थे. लोकल गाइड ने इस हमले में आतंकियों की मदद की थी. सुरक्षा बलों ने 6 जुलाई को कुलगाम जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को मार गिराया था. इस दौरान दो जवान शहीद हो गए थे. 

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