राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर में एनजीओ के जरिये टेरर फंडिंग के मामले में बड़े खुलासे का दावा किया है. NIA का कहना है कि अर्बन-नक्सल और कश्मीर में एनजीओ के जरिये टेरर फंडिंग का लिंक सामने आया है. एनआईए सूत्रों का कहना है कि भीमा कोरेगांव केस की चार्जशीट में गौतम नवलखा का कश्मीरी टेरर फंडिंग करने वाले एनजीओ से कनेक्शन सामने आया है.
एनआईए सूत्रों का दावा है कि गौतम नवलखा और मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वाति शेषाद्री भी संपर्क में थे. एनआईए ने 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वाति शेषाद्री के ठिकानों पर भी रेड की थी. स्वाति शेषाद्रि का एनजीओ, जेकेसीसीएस(JKCCS) और अथरोट एनजीओ के अलावा परवेज बुखारी और खुर्रम परवेज से करीबी संबंध है.
एनआईए के मुताबिक, भीमा कोरेगांव केस की चार्जशीट गौतम नवलखा के संबंध नक्सलियों के साथ -साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी रहे हैं. फिलहाल, एनआईए कश्मीर में एनजीओ के जरिये टेरर फंडिंग के मामले में अर्बन- नक्सल लिंक की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में कई खुलासे होंगे.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, अभी 8 से 10 एनजीओ रडार पर हैं, जो कश्मीर में टेरर फंडिंग और अलगाववादी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं. इससे पहले एनआईए दो दिनों तक कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामले में 10 एनजीओ के ऊपर 19 जगहों पर रेड कर चुकी है.
एनआईए का कहना है कि ये एनजीओ आतंक की फंडिंग करते थे. एजेंसी ने इन एनजीओ पर आईपीसी की धारा 124 A यानी देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही एनआईए ने इस पूरे मामले में UAPA के तहत भी मामला दर्ज किया है. इसमें UAPA कानून के सेक्शन 17,18,22A,22C,38,39 और 40 को लगाया गया है.