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जनकपुरी सिख नरसंहार मामला: सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने पर 19 अगस्त को फैसला

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख नरसंहार के दौरान जनकपुरी में सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या हुई थी. इसी तरह विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जिंदा जला दिया गया था.

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सज्जन कुमार- फाइल फोटो
सज्जन कुमार- फाइल फोटो

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला टला गया. सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने पर अब 19 अगस्त को फैसला आएगा.

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तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख नरसंहार के दौरान जनकपुरी में सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या हुई थी.

इसी तरह विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जिंदा जला दिया गया था. उनकी वहीं मौत हो गई थी. इन दोनों मामलों में 2015 में गठित एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस सिलसिले में मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया जा चुका है.

सिख विरोधी दंगा क्या है?
सिख विरोधी दंगा 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़का था. इंदिरा गांधी ने पंजाब में सिख आतंकवाद को दबाने के लिए सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्णमंदिर परिसर में ऑपरेशन ब्लूस्टार चलवाया था. इस ऑपरेशन में आतंकी भिंडरावाला सहित कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद सिख इस घटना से नाराज हो गए थे.

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इस ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही इंदिरा गांधी की उनके ही सिख बॉडीगार्ड्स ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही देशभर में सिख विरोधी दंगे शुरू हुए हो गए. इस दंगे का सबसे ज्यादा असर दिल्ली और पंजाब में हुआ.

 

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