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सुनामी और भूकंप के झटकों से जापान क्यों हलकान रहता है?

सुनामी और भूकंप के झटकों से जापान क्यों है परेशान, 2024 में क्या है ISRO की प्लानिंग और IIT-BHU केस के आरोपियों को पकड़ने में 60 दिन क्यों लगे, सुनिए 'दिन भर' में.

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जब पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीकों से नए साल के आगमन को सेलिब्रेट किया जा रहा था, तो जापान के कुछ इलाक़े भूकंप के ज़ोरदार झटकों से थर्रा उठे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 मापी गई. इतना ही नहीं, देश के अलग-अलग इलाक़ों में 4.0 तीव्रता से ऊपर के 21 झटके महसूस किये गये. जापान के चीफ़ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीमासा हयाशी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया है कि अभी भूकंप के और झटके महसूस किए जा सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि प्रशासन अभी भी ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि भूकंप से कितनी क्षति हुई है. जापानी मीडिया के मुताबिक, जापान सागर तट के साथ निगाटा, टोयामा, यामागाटा, फुकुई और ह्योगो प्रान्त में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग से जुड़े जापानी अधिकारियों ने सुनामी को लेकर अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि समुद्र की लहरें 5 मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं. इसलिए लोगों से जितनी जल्दी हो सके ऊंची भूमि या पास की किसी बिल्डिंग की चोटी पर भागने को कहा गया है. जापान में भारतीय दूतावास ने इस भूकंप के बाद भारतीय नागरिकों के लिए इमरजेंसी नंबर जारी किया है.  जापान की इस स्थिति पर विस्तार से सुनिए 'दिन भर' में.

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आज से ठीक दो महीने पहले, वाराणसी के IIT - BHU से एक छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. आरोपियों ने गन पॉइंट पर न सिर्फ छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था बल्कि इस वीभत्स घटना का वीडियो भी बनाया था. इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने कई दिनों तक इसके खिलाफ कैंपस में विरोध प्रदर्शन भी किया. इस घटना के ठीक 60 दिन बाद पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में ले लिया. इनके नाम कुणाल पांडे, सक्षम पटेल, अभिषेक चौहान बताए जा रहे हैं. साथ ही ये भी चर्चा है कि तीनों आरोपी बीजेपी आईटी सेल में काम करते थे. इनके राजनैतिक कनेक्शन पर तो बात, सुनिए 'दिन भर' में. 

भारत के लिए नए साल की शुरुवात नई कामयाबियों के साथ हुई है. इसरो यानि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनायज़ेशन ने साल के पहले ही दिन, एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट या जिसे XPoSat भी कहा जा रहा है, उसे लॉन्च किया है. ये लॉन्च PSLV-C58 रॉकेट के ज़रिए आज सुबह 9:10 पर हुआ था. इसरो की जानकारी के मुताबिक इस सैटेलाइट के साथ ही 10 और पेलोड भी लॉन्च हुए हैं. खास बात ये है कि एक्स-रे पोलारिमीटर भारत का पहला, और दुनिया का दूसरा ऐसा सैटेलाइट मिशन है जो एक्स-रे पोलारिमीटर मेजरमेंट्स को स्टडी करेगा. इस के पूरे प्रोसेस और भारत के लिए इसकी अहमियत को सरल भाषा में, सुनिए 'दिन भर' में. 

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