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सरकारी स्कूल से पढ़े लड़के पर आया जापानी कन्या का दिल, मम्मी-पापा को लेकर आई, रचा ली शादी

जापान से उत्तरप्रदेश के बस्ती आकर एक परिवार ने अपनी बेटी की शादी एक हिंदुस्तानी लड़के से संपन्न कराई. हिन्दू रीति-रिवाज से यह पूरा कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस विवाह के दौरान दुल्हन के परिजन भारतीय संस्कृति को देखकर भाव विभोर दिखे. इस विवाह को 2 दिलों ही नहीं, बल्कि 2 देशों के संबंधों से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

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स्टेज पर जोड़े ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई.
स्टेज पर जोड़े ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई.

UP News: बस्ती जिले में दुबौलिया इलाके के डेईडिहा गांव निवासी किसान राजेंद्र त्रिपाठी के बेटे इंजीनियर अजीत त्रिपाठी और जापान की मसाको रविवार की रात हिंदू रीति रिवाज से वैवाहिक बंधन में बंध गए. देशी अंदाज में दूल्हा और दुल्हन के परिजनों सहित सभी खूब झूमे. विवाह में विशेषकर दुल्हन पक्ष के लिए हर रस्म रोचक रही. 

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अजीत त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा प्राप्त कर लगभग 8 सालों से जापान टोकियो में हिकारी तुल्सेन कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है. दुल्हन मसाको भी टोकियो में ही ऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्य करती है. 

विवाह बंधन में बंधे दोनों दूल्हा-दुल्हन बताते हैं कि दो साल पहले दोनों में दोस्ती हुई जो प्यार में बदल गई. एक दूसरे की व्यवहार कुशलता ने ही दोनों को आकर्षित किया. इंजीनियर अजीत त्रिपाठी से भारतीय संस्कृति के बारे में जानकर मसाको  भी काफी प्रभावित हुई. फिर दोनों ने विवाह करने का निर्णय ले लिया. 

विवाह बंधन में बंधने के लिए इस जोड़े को करीब एक साल मशक्कत करनी पड़ी. दोनों ने कभी हार नहीं मानी. अजीत को जहां परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपनी माता-पिता और परिजनों का दिल जीतना था. वहीं, मसाको को अपने माता शसिको-पिता नोरी फुमी को इस विवाह के लिए राजी करना भी किसी चुनौती से कम नहीं थी. 

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अंत में दोनों ने अपने परिवार को इस विवाह के लिए राजी कर लिया. अजीत के परिवार के लोगों ने भी शादी के लिए रजामंदी दे दी और अजीत के परिवार की इच्छा के अनुसार मसाको का भी परिवार भारतीय संस्कृति के अनुसार हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने को राजी हो गया और अब दोनों परिवार इस रिश्ते से खुश हैं. 

बस्ती जिले के दुबौलिया इलाके के डेईडिहा गांव निवासी किसान राजेंद्र त्रिपाठी के बड़े बेटे अजीत त्रिपाठी ने गांव के सरकारी स्कूल से प्राइमरी और हाईस्कूल की परीक्षा पास कर इंटर की पढ़ाई अयोध्या से की. फिर बीटेक की पढ़ाई करने पश्चिम बंगाल दुर्गापुर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्था चला गया. जहां साल 2008 से 2012 तक 4 साल पढ़ाई करने के बाद 2014 में जापान चला गया. 

जापान के टोकियो स्थित हिकारी तुल्सेन कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू की. दो‌ वर्ष पहले नौकरी के दौरान अजीत त्रिपाठी की मुलाकात ऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्यरत एक जापानी लड़की से हुई और दोनों की नजदीकियां बढ़ गईं. 

 

 

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