scorecardresearch
 

जाट राजा महेंद्र सिंह के नाम पर बनेगी यूनिवर्सिटी, पौत्र ने कहा- उन्हें भूलना बड़ी गलती

राजा चरत प्रताप सिंह ने कहा, 'मेरा मानना है कि ऐसे शख्स को भूल जाना एक गलती हो गई. अब अगर योगी आदित्यनाथ ने कदम बढ़ाया है और प्रधानमंत्री अलीगढ़ में आकर यूनिवर्सिटी की आधारशिला रख रहे हैं, तो उनको पहचान दिलाने को लेकर एक बहुत बड़ा कदम है.

Advertisement
X
पौत्र राजा चरत प्रताप सिंह (वीडियो ग्रैब)
पौत्र राजा चरत प्रताप सिंह (वीडियो ग्रैब)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान में बनाई थी भारत की पहली अंतरिम सरकार
  • राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने AMU के लिए दान दी थी जमीन
  • ऐसे शख्स को भूल जाना एक गलती: पौत्र चरत सिंह

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जाट राजा महेंद्र सिंह के नाम पर एक नई यूनिवर्सिटी बना रही है. जाट राजा के पौत्र राजा चरत प्रताप सिंह ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि देर आए दुरुस्त आए, ये पहला स्टेप है राजा महेंद्र प्रताप सिंह को पहचान दिलाने का.

Advertisement

इतिहास के पन्नों में दबी जिनकी स्मृति को पूरा देश भूल गया. उस राजा को जिसने अफगानिस्तान में भारत की पहली अंतरिम सरकार बनाई थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पहले ग्रेजुएट को वो यूनिवर्सिटी भी भूली जिस राजा की जमीन पर यूनिवर्सिटी खड़ी है. 

आजतक के साथ खास बातचीत में राजा चरत प्रताप सिंह ने कहा, 'मेरा मानना है कि देर आए दुरुस्त आए. अभी जो फैसला लिया गया है कि जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाया जा रहा है उसका मैं स्वागत करता हूं. फिलहाल ये पहला स्टेप है राजा महेंद्र प्रताप सिंह को पहचान दिलाने का.'

पौत्र ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सामाजिक काम किए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किए हैं. उन्होंने शिक्षा के लिए अपना पैतृक निवास भी दान कर दिया था. वही स्थान एशिया का पहला पॉलिटेक्निक बना 1909 में. तो ऐसे व्यक्ति को पहचान दिलाना जिसने अफगानिस्तान में जाकर 1915 में भारत की पहली अंतरिम सरकार बनाई. जिसे 25 देशों ने अपनी मान्यता भी दी थी.

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- कौन थे जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिनके नाम पर अलीगढ़़ में बन रही यूनिवर्सिटी, PM मोदी करेंगे शिलान्यास

भूल जाना एक गलती है: पौत्र चरत

राजा चरत प्रताप सिंह ने कहा, 'मेरा मानना है कि ऐसे शख्स को भूल जाना एक गलती हो गई. अब अगर योगी आदित्यनाथ ने इस चीज पर कदम लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ में आकर यूनिवर्सिटी की आधारशिला रख रहे हैं, तो मैं यह मानता हूं कि उनको पहचान दिलाने को लेकर एक बहुत बड़ा कदम है. भारत सरकार का यह बड़ा कदम है कि उसने एक स्वतंत्रता सेनानी के प्रयासों को रिकजनाइज किया.'

एएमयू के निर्माण के लिए जमीन दान दिए जाने और वहां के कनेक्शन के बारे में पौत्र चरत प्रताप ने कहा, 'उनका जो विद्यार्थी जीवन है, और जहां तक स्कूल और कॉलेज स्तर पर पढ़ाई की बात है तो उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही की. वो वहां से पहले ग्रेजुएट बने. फिर जहां तक जमीन का सवाल है तो बहुत सारे राजाओं और जमींदारों के दिए जमीन पर यूनिवर्सिटी बनी है और हमारे परिवार का बहुत योगदान रहा है और कुछ जमीन दान दी गई हैं तथा कुछ जमीनें ली गई हैं. और कुछ जमीनें लीज पर चली आ रही हैं. हमारे दादाजी का सीधा कनेक्शन है और जो कैंपस है उसमें हमारी जमीन है.'

Advertisement

एएमयू में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को सम्मान नहीं दिए जाने पर पौत्र ने कहा कि वह एएमयू के पूर्व छात्र रहे हैं और काफी चर्चित छात्र रहे हैं. अब यह सवाल एएमयू से पूछा जाना चाहिए कि वह अपने पूर्व छात्र के साथ किस तरह का सम्मान करते हैं. लेकिन मेरा निजी तौर पर मानना है कि उनको सम्मान मिलना चाहिए था. 

जाट राजा के नाम पर यूनिवर्सिटी

जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही अलीगढ़ में यूनिवर्सिटी खोलने के लिए अपनी जमीन दान की थी, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के किसी भी कोने में उनका नाम अंकित नहीं है. यही कारण है कि एएमयू का नाम बदलने के लिए काफी मांग उठती रहती है. लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी जगह उनके नाम पर अलग से यूनिवर्सिटी बनाने जा रहे हैं.

योगी सरकार ने अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाब में जाट राजा के नाम पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार ने 2019 में राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में एक नया विश्वविद्यालय स्थापित करने का भरोसा दिलाया था. अब सीएम योगी ने 14 सितंबर, 2019 को यूनिवर्सिटी के निर्माण की घोषणा की थी, जिसकी नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को रखेंगे.

Advertisement


 

Advertisement
Advertisement