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'भाषाई फासीवाद का जहरीला ब्रांड...', एमके स्टानिल के बयान पर भड़के केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह

एमके स्टालिन ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर अपना हमला दोहराया और कहा कि यह हिंदी के विकास के उद्देश्य से बनाई गई 'भगवा नीति' है. उन्होंने आगे दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास के जरिए 'उत्तरी राज्यों में जीत हासिल करके सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है."

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जयंत सिंह और एमके स्टालिन
जयंत सिंह और एमके स्टालिन

केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह ने तमिलनाडु के मुख्यंत्री एमके स्टालिन के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "श्री स्टालिन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में अब तक लागू की गई सबसे उदार, प्रगतिशील और दूरदर्शी शिक्षा नीति है. दुर्भाग्य से NEP पर एक राजनीतिक संकीर्ण रवैया आपके रुख को निर्धारित कर रहा है. मेरी आपको सलाह है कि हमारे संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य, यानी भारत में, आपका भाषाई फासीवाद का जहरीला ब्रांड कभी नहीं जीत पाएगी."

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एमके स्टालिन ने क्या कहा था?

एमके स्टालिन ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर अपना हमला दोहराया और कहा कि यह हिंदी के विकास के उद्देश्य से बनाई गई 'भगवा नीति' है.

उन्होंने आगे दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास के जरिए 'उत्तरी राज्यों में जीत हासिल करके सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है."

एजेंसी के मुताबिक, स्टालिन ने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने प्रभाव वाले राज्यों में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाने और इस तरह अपनी पार्टी का विकास करने की कोशिश कर रही है और कहा कि डीएमके इसे रोक देगी.

यह भी पढ़ें: 'ये प्रदर्शन हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है', डीएमके के समर्थन में बोले RJD सांसद मनोज झा

चेन्नई में आयोजित पार्टी रैली को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा, "हम एनईपी का विरोध करते हैं क्योंकि यह तमिलनाडु की शिक्षा वृद्धि को पूरी तरह से नष्ट कर देगा." डीएमके अध्यक्ष ने आगे दावा किया कि NEP आरक्षण को स्वीकार नहीं करती है, जो सामाजिक न्याय है. व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर केंद्र जाति आधारित शिक्षा शुरू करने की कोशिश कर रहा है.

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