अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. धीरे-धीरे वक्त उस ओर खिसक रहा है और इसकी तैयारी में विपक्षी दल एक साथ एक अंब्रेला के नीचे आने की कवायद में जुटे हैं. पांच राज्यों के चुनावों में करारी हार के बाद इंडिया गठबंधन ने एक बार फिर बैठक रखी. 19 दिसंबर को गठबंधन में शामिल दलों ने बैठक की, सामने आया है कि इस मीटिंग में भी ठोस नीतियां नहीं बन पाईं, लेकिन तमाम बातों के साथ ही 'समोसा' भी चर्चा में बना हुआ है.
'पहले मीटिंग्स में चलते थे चाय-समोसे'
असल में हुआ यूं कि, JDU सांसद सुनील कुमार पिंटू ने मंगलवार को हुई इंडिया गठबंधन की बैठक को फेल करार दिया है. इस तरह एक बार फिर उन्होंने नीतीश कुमार और पार्टी लाइन के खिलाफ बगावती रुख अख्तियार किया है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन की बैठक पर कहा कि, 'पहले मीटिंग में समोसा मिलता था, इस बार सिर्फ चाय-बिस्कुट हुआ.' JDU के सुनील कुमार पिंटू बताया पहले तो मीटिंग्स में चाय समोसे चलते थे पर अभी कांग्रेस ने खुद कह रखा है कि फंड की कमी है. लोग उन्हें डोनेट करें. जेडीयू सांसद ने कहा कि कल की मीटिंग तो बस चाय बिस्कुट पर रह गई, समोसे भी नहीं आ पाए.'
'फंड की कमी का सामना कर रही कांग्रेस'
सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि, INDI बैठक में सभी विपक्षी नेताओं को किसी ठोस नतीजे की उम्मीद थी, लेकिन यह बैठक भी बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई. पहले इन बैठकों में चाय और समोसा भी शामिल होता था. लेकिन कल, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वे फंड की कमी का सामना कर रहे हैं और सभी से उन्हें समर्थन देने के लिए 138 रुपये, 1380 रुपये या 13,800 रुपये का योगदान करने का अनुरोध किया. नतीजतन, कल की बैठक सिर्फ चाय और बिस्कुट तक ही सीमित रही.
CPIM नेता ने ममता बनर्जी को घेरा
इंडिया अलायंस की बैठक में CPIM ने ममता बनर्जी को घेरा. CPIM मोहम्मद सलीम ने कहा कि, हमें उन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो इस नाव को डुबो देंगे. उन्होंने कहा कि, 'हमें यह समझना होगा कि हर राज्य का अपना चुनाव होगा. चुनावी समझ ऐसे ही बनेगी. हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो बीजेपी के साथ थे और उस तरफ जा सकते हैं. ऐसे लोग हैं जो बैठक में शामिल हुए और अगले दिन मोदी से मिले और कहा कि दादा कृपया बुरा न मानें.
ऐसे लोग भी हैं जो इस नाव में चढ़े हैं लेकिन न तो वे यात्री हैं और न ही नाविक बल्कि वे नाव को पलट देना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि, 'एक इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी उनकी स्वाभाविक सहयोगी है. उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि RSS बुरा है. हम ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ आगे नहीं बढ़ सकते जो बीजेपी को अपना सहयोगी बताए.'