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'हर मुद्दे को सनातन से काउंटर करती है BJP...', राजनीतिक प्रस्ताव में JDU का भाजपा पर वार, पार्टी के अंदरूनी कलह पर चुप्पी!

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शुक्रवार को बीजेपी और पीएम मोदी की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव में केंद्र की सत्तासीन पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि, जब भी दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दे सामने आते हैं तो बीजेपी उसका जवाब सनातन से देती है.

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सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

जदयू के वरिष्ठ नेता रहे ललन सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस फैसले के बाद भारत में जदयू गठबंधन के भविष्य को लेकर राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित राजनीतिक प्रस्ताव कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है. यह प्रस्ताव नीतीश कुमार की उपस्थिति में पारित किया गया है जो भाजपा और इंडिया गठबंधन के संबंध में जदयू के रुख को स्पष्ट करता है.

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पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शुक्रवार को बीजेपी और पीएम मोदी की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव में इस बात का भी जिक्र है कि नीतीश कुमार न तो पीएम का चेहरा बनना चाहते हैं और न ही इंडिया गठबंधन के संयोजक. पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा के कारण ही देश राजनीतिक और सामाजिक रूप से कठिन दौर से गुजर रहा है. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि भाजपा सरकार के कृत्यों के कारण समाज में भय, नफरत और उन्माद का माहौल है.

प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि बीजेपी तानाशाही कार्यशैली में विश्वास करती है और इसलिए वे देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक संस्थानों को कमजोर कर रही हैं. पिछले नौ वर्षों में स्थिति भयावह हो गयी है. आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार की नजर नहीं है. प्रस्ताव में भाजपा की सनातन विचारधारा पर भी निशाना साधा गया है. उन्होंने कहा कि जब भी दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दे सामने आते हैं तो बीजेपी उसका जवाब सनातन से देती है.इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि बीजेपी बाबा साहेब के बनाये संविधान से छुटकारा पाकर मनुस्मृति लागू करना चाहती है.

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जदयू का मानना ​​है कि भाजपा सत्तावादी शासन में विश्वास करती है और इसीलिए लोकतंत्र को कमजोर कर रही है. इसमें मणिपुर मामले पर पीएम की चुप्पी का भी जिक्र है. इसमें संसद से 146 सांसदों के निलंबन की भी निंदा की गई है. प्रस्ताव में नीतीश कुमार के बीजेपी छोड़ने और विपक्ष में शामिल होने के कदम का समर्थन किया गया है. वहीं पटना में विपक्षी दलों को एक साथ लाने को लेकर नीतीश कुमार को बधाई दी गई है. प्रस्ताव में कहा गया है कि बीजेपी जानबूझ कर भ्रम पैदा कर रही है क्योंकि वे विपक्ष के साथ नीतीश जैसे नेताओं से डरे हुए हैं. नीतीश कुमार न तो पीएम बनना चाहते हैं और न ही इंडिया गठबंधन के संयोजक. यह नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के रुख का समर्थन करता है.

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