जायडस कैडिला (zydus cadila) को उसकी तीन खुराक वाली कोविड वैक्सीन ZyCoV-D (Covid Vaccine) के लिए सरकार ने एक करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है. इससे भारत में अब बच्चों को भी कोरोना का टीका जल्द लग सकेगा.
COVID-19 वैक्सीन ZyCoV-D देश में बनने वाली दुनिया की पहली डीएनए-आधारित वैक्सीन है, जिसे भारत के दवा नियामक द्वारा 12 वर्ष और उससे ज़्यादा की उम्र के लोगों के लिए स्वीकृत किया गया है. इस वैक्सीन की दो नहीं, बल्कि तीन खुराक लेनी होंगी. तीन खुराकों को 28 दिन के अंतर पर लगाया जाना है.
इस टीके की सबसे खास बात यह है कि ये टीका सुई के ज़रिए नहीं लगाया जाएगा. इसे एक डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर या फ़ार्मा जेट इंजेक्टर की मदद से दिया जाएगा, जो पूरी तरह से पेनलेस है, यानी इसे लगाते वक्त ज़रा भी दर्द महसूस नहीं होगा. लिहाजा, बच्चों के लिए खासतौर पर बने इस टीके को लगाने के लिए बच्चों को ज़रा भी परेशानी नहीं होगी.
कैसे काम करता है ये जेट एप्लीकेटर
इंजेक्टर में स्प्रिंग होते हैं. इनके ज़रिए वैक्सीन के निश्चित द्रव की संकीर्ण धार को बॉडी में प्रवेश कराया जाता है. यह धारा एक सेकंड के 10वें हिस्से में स्किन को भेदकर टिशू की उचित गहराई तक प्रवेश कर जाती है. इसमें किसी और चीज़ की ज़रूरत नहीं होती.
यह डिवाइस, एक स्टेपलर के आकार का होती है. इससे वैक्सीन की 0.1 मिलीलीटर खुराक दी जाती है. इस डिवाइस के तीन हिस्से होते हैं- इंजेक्टर, सिरिंज और फिलिंग एडैप्टर. एक जेट इंजेक्टर से करीब 20 हज़ार खुराक दी जा सकती हैं.
फार्माजेट नीडल-फ्री इंजेक्टर तेज और सुरक्षित है. इसमें किसी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इससे सुई से लगने वाली किसी भी तरह की चोट या समस्या की संभावना खत्म हो जाती है. साथ ही सिरिंज के दोबारा इस्तेमाल या संक्रमण की भी संभावना भी नहीं रहती.
इसे लगाने पर किसी को तो कुछ भी महसूस नहीं होता है, जबकि किसी को थोड़ा दबाव महसूस होता है, जैसा कि रबर बैंड लगाने पर महसूस होता है.
आपको बता दें कि इस वैक्सीन की कीमत 265 रुपए निर्धारित की गई है. इसमें 93 रुपये के डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर के दाम भी जोड़े गए हैं, जिसके बाद हर खुराक 358 रुपये में लगवाई जा सकेगी.