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दिल्ली से राउरकेला जा रही एक ट्रेन से बजरंग दल के कार्यकर्ता की शिकायत के बाद दो ननों और दो किशोरियों को उतार लिया गया. कार्यकर्ता को शक था कि दो नन, दो किशोरियों का धर्मांतरण के लिए लेकर जा रही हैं. दोनों नन केरल की रहने वाली थीं. कार्यकर्ता की शिकायत पर दोनों ननों और किशोरियों को झांसी स्टेशन पर उतार लिया गया. उनसे एक घंटे तक पूछताछ की गई. बाद में उन्हें दूसरी ट्रेन से रवाना कर दिया गया.
दरअसल, उत्कल एक्सप्रेस के B-2 कोच में सवार दो ननों के साथ दो लड़कियां दिल्ली से राउरकेला जा रही थीं. ट्रेन के B-1 कोच में बजरंग दल के कार्यकर्ता अजय शंकर तिवारी भी सफर कर रहे थे. उन्होंने जीआरपी में शिकायत की कि दो नन अपने साथ दो लड़कियों को ले जा रही हैं. उन्होंने शक जताया कि ननों ने दोनों लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया है. अजय ने फोन पर अन्य कार्यकर्ताओं को भी इस बात की जानकारी दी. जिसके बाद कई संगठनों के लोग झांसी स्टेशन पहुंचे. इसके बाद दोनों ननों और लड़कियों को ट्रेन से उतारकर जीआरपी थाने लाया गया.
पूछताछ में झूठा निकला शक
बजरंग दल के कार्यकर्ता ने इस मामले में लिखित शिकायत कर केस दर्ज करने की मांग की थी. उनकी शिकायत पर जीआरपी थाने में करीब एक घंटे तक ननों और लड़कियों से पूछताछ की गई. उनके दस्तावेजों की पड़ताल की गई. बाद में पुलिस ने जांच में शिकायत को झूठा पाया. जीआरपी ने इस मामले में आरोप सही नहीं होने के कारण केस दर्ज नहीं किया. बाद में दोनों ननों और लड़कियों को दूसरी ट्रेन से रवाना किया गया.
मामले पर सियासत भी तेज
झांसी स्टेशन पर ननों और लड़कियों को उतारने का मामला केरल में तूल पकड़ने लगा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर कार्रवाई की मांग की है. अमित शाह को लिखे लेटर में उन्होंने कहा कि दो ननों और लड़कियों को झांसी स्टेशन पर पुलिस ने जबरन उतार लिया. जबकि उस समय वहां कोई महिला पुलिस भी नहीं थी. उन्होंने अमित शाह से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री विजयन ने चिट्ठी में आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों और पुलिस ने ननों और लड़कियों के साथ उत्पीड़न किया, उन्हें परेशान किया और धमकाया. इसके बाद अमित शाह ने भी भरोसा दिलाया है कि जो लोग भी इस मामले में शामिल थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री विजयन के अलावा केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेनीथाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि फिर कभी ऐसी स्थिति न बने. इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि ये घटना संघ परिवार द्वारा एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और अल्पसंख्यकों को रौंदने के लिए चलाए गए दुष्प्रचार का परिणाम है. अब ऐसी ताकतों को हराने के लिए कदम उठाने का समय है.
The attack in UP on nuns from Kerala is a result of the vicious propaganda run by the Sangh Parivar to pitch one community against another and trample the minorities.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 24, 2021
Time for us as a nation to introspect and take corrective steps to defeat such divisive forces.
इधर, केरल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं केरल की जनता को आश्वसत करना चाहता हूं कि यूपी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, केरल के किसी भी नागरिक को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जो भी आरोपी है, जिन्होंने भी ये किया है, उन्हें जल्द से जल्द कानून के हवाले करने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी.