scorecardresearch
 

झारखंड: हेमंत सरकार ने साबित किया बहुमत, समर्थन में पड़े 45 वोट

सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने 3 जुलाई को जब हेमंत सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश किया था, तब राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन की लिस्ट सौंपी थी.

Advertisement
X
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फोटो-X/Hemant Soren)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फोटो-X/Hemant Soren)

झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है. उन्होंने 81 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया और उनके समर्थन में 45 विधायकों का साथ मिला. झारखंड विधानसभा में मौजूदा वक्त में 76 विधायक हैं. सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने 3 जुलाई को जब हेमंत सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश किया था, तब राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन की लिस्ट सौंपी थी.

Advertisement

'ऑपरेशन लोटस फेलय...'

विधानसभा में विश्वास मत के दौरान विपक्ष के लोग नारे लगा रहे थे. हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि जो लोग नारे लगा रहे हैं, उनमें से आधे चुनाव के बाद विधानसभा में वापस नहीं आ पाएंगे. झारखंड में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस बुरी तरह फेल रहा. हमारे लोग साथ रहे. वोटों का डिवीजन जल्द ही शुरू होगा.

हेमंत सोरेन ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का आभार व्यक्त किया. पिछले दिनों हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके बाद हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया, जब झारखंड हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दे दी. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ वक्त पहले ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.

Advertisement

बीजेपी के लिए कितना मुश्किल होगा विधानसभा चुनाव?

सियासी हालात अब काफी बदल चुके हैं. खासकर हेमंत सोरेन के जेल से छूटने के बाद. अब तो झारखंड में चंपई सोरेन को हटाकर हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठ चुके हैं. सुनने में आ रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय हेमंत सोरेन की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी कर भी रहा है. 

हेमंत सोरेन के पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है, वो है जमानत देते वक्त हाई कोर्ट की टिप्पणी और वो ऐसी बात है, जिसे आने वाले चुनाव में काउंटर कर पाना बीजेपी के लिए काफी मुश्किल हो सकता है. 

लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से बीजेपी का जोश बढ़ा हुआ है. लेकिन जोश में होश गंवाने वाली स्थिति भी नहीं है. 2004 के शाइनिंग इंडिया कैंपेन जैसा तो नहीं, लेकिन यूपी में बीजेपी का जो हाल इस बार हुआ है, वो मिलता जुलता ही लगता है. ऐसा इसलिए भी लगता है क्योंकि मौजूदा बीजेपी पहले वाली तो कतई नहीं मानी जाती है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement