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सम्मेद शिखरजी के लिए सड़कों पर जनसैलाब, राष्ट्रपति भवन तक लोगों का कूच, आश्वासन पर आमरण अनशन 15 दिन के लिए टाला

Sammed Shikharji Controversy: झारखंड सरकार ने जैन समाज के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्रीसम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का फैसला किया है. जैन समाज के लोग देशभर में सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. दिल्ली में आमरण अनशन भी शुरू हो गया था लेकिन बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के आश्वासन के बाद फिलहाल उसे टाल दिया गया है.

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सांसद मनोज तिवारी के आश्वासन पर आमरण अनशन टाला गया
सांसद मनोज तिवारी के आश्वासन पर आमरण अनशन टाला गया

Sammed Shikharji Controversy: झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने का फैसला वापस लेने की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. जैन समाज के लोगों ने एक ओर मुंबई में जहां सड़कों पर उतकर काफी लंबा मार्च निकाला. वहीं दिल्ली में भी उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर अपनी मांगें मनवाने की कोशिश की.

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तीर्थ सम्मेद शिखर जी को बचाने के लिए विश्व जैन संगठन के बैनर तले हजारों लोगों ने रविवार को इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक कूच कर दिया. सभी राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहते थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें इंडिया गेट पर ही रोक लिया. दरअसल सकल जैन समाज के तीर्थ रक्षक इंडिया गेट पर जमा हुए थे. इनको देखते हुए पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर, लाल किला, राजघाट, प्रगति मैदान पर ही दिल्ली व दिल्ली के बाहर से आने वाली बसों को रोक दिया.

वहीं सम्मेद शिखरजी का पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के फैसले के विरोध में दिल्ली के ऋषभ विहार में विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन व राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ट रुचि जैन पिछले छह दिन से आमरण अनशन हैं. हालांकि बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अनशन स्थल पर जाकर उनसे बात की. उन्होंने दोनों को आश्वासन दिया जिसके बाद दोनों ने अपना अनशन 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. खुल मनोज तिवारी ने जूस पिलाकर दोनों का अनशन तुड़वाया.

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इसके बाद संगठन के संरक्षक राजेश जैन संगठन के 11 सदस्यों के साथ पुलिस के संरक्षण में राष्ट्रपति भवन गए और उन्होंने अपना ज्ञापन सौंपा. संगठन का कहना है कि जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

मुंबई, अहमदाबाद में निकाला विशाल मार्च

वहीं मुंबई में जैन समाज धार्मिक स्थलों पर भावनाओं को ठेस पहुंचाने के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है. उसने सम्मेद शिखरजी और गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में भी तोड़फोड़ के मामले में विरोध किया. इस रैली में जैन धर्म के करीब 50 हजार लोग शामिल हुए. सुबह से ही मुंबई की कई सड़कों पर सफेद रंग का सैलाब दिखा. हालांकि, ये सैलाब एक पीसफुल रैली थी. पूरी मुंबई में जैन समुदाय की यह रैली 6-7 स्थानों पर आयोजित की गई थी. 

इसके अलावा अहमदाबाद की सड़क पर जैन समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस 10 किलोमीटर तक के मार्च में करीब एक लाख लोग शामिल हुए. इस दौरान 'जैन समाज कम है, कमजोर नहीं' वाली तख्तियां हाथ में लिए दिखाई दिए.

गुजरात में जैन मंदिर तोड़ने के विरोध में प्रदर्शन (फोटो: ANI)

ओवैसी और AAP जैन समाज के समर्थन में आए

- AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जैन समाज के लोगों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और झारखंड सरकार को इस फैसले को रद्द करना चाहिए. इसके साथ ही ओवैसी ने गुजरात के सीएम से अपील की है कि वह आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. 

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- AAP सांसद संजय सिंह बीते दिनों जैन समाज के प्रदर्शन में शामिल हुए थे. उन्होंने ट्वीट किया था- जैन समाज के मुख्य आस्था के केंद्र श्री सम्मेद शिखर जी को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ पूरा जैन समाज आंदोलित है. पर्यटन के नाम पर धार्मिक स्थल का अपमान स्वीकार नहीं. आंदोलन में शामिल हुआ. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी जैन समाज के साथ है.

इसलिए विरोध कर रहा जैन समाज

झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ है. इसे जैन समाज का तीर्थराज कहा जाता है. कहा जाता है कि जैन समाज के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहां ही मोक्ष प्राप्त की थी. इसे पारसनाथ पर्वत भी कहा जाता है. हेमंत सोरेन सरकार ने पारसनाथ हिल्स में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस तीर्थ स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का फैसला किया है. समाज राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं. 

जैन धर्म के लोगों को कहना कहना है कि अगर इसे पर्यटन क्षेत्र बनाया जाता है तो पर्यटकों के आने की वजह से यहां मांस, शराब का सेवन भी किया जाएगा. अहिंसक जैन समाज के लिए अपने पवित्र तीर्थक्षेत्र में ऐसे कार्य असहनीय हैं. सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में मछली और मुर्गी पालन के लिए भी अनुमति दी गई है.

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