जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कावेरी हॉस्टल में छात्रों के दो समूह के बीच हॉस्टल के मेस में रामनवमी पर कथित तौर पर मांसाहारी भोजन को लेकर को झड़प हो गई थी. पुलिस ने बताया कि घटना में छह छात्र घायल हो गए हैं. जेएनयू में रामनवमी के दिन हुई इस घटना के बाद एक बार फिर यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई है.
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने वामपंथी छात्रों के एक समूह से मिली शिकायत के आधार पर अज्ञात एबीवीपी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने एबीवीपी की शिकायत के आधार पर अज्ञात वामपंथी छात्रों के खिलाफ भी प्राथमिकी भी दर्ज की है.
ये पहली बार नहीं है जब देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू विवादों में है. जेएनयू का विवादों से लंबा नाता रहा है. जेएनयू के लेफ्ट संगठनों पर कभी पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा, कभी भारतीय जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप लग चुका है. कैंपस में हिंसात्मक घटनाएं हो चुकी हैं.
इससे पहले 5 जनवरी 2020 को यूनिवर्सिटी कैंपस में नकाबपोश लोगों ने तोड़फोड़ की थी. इस दौरान कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए थे. कई छात्रों को इस दौरान अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़ा था. इस मामले में अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है? कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं? और उन एफआईआर में कितने लोगों के नाम हैं? आज तक ने आरटीआई के जरिए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की.
आजतक की आरटीआई में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, दक्षिण पश्चिम जिला, वसंत विहार के कार्यालय की ओर कहा गया है कि इस केस में 2 एफआईआर दर्ज की गई. पहली एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323/341/506/34 और डीपीडीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज की गई है. दूसरी एफआईआर आईपीसी की धारा 323/341/506/34 और 3 डीपी डीपी एक्ट के तहत दर्ज की गई थी. इन दोनों केस की फाइलों को दिल्ली पुलिस कमिश्नर की मंजूरी से क्राइम ब्रांच सेक्टर 17 द्वारका को ट्रांसफर कर दिया गया है.
हालांकि, इस दौरान कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनके नाम क्या हैं और किन लोगों से पूछताछ की जा रही है इस पर कोई जवाब नहीं मिला.
पीआईओ के पास भेजा गया आरटीआई आवेदन
चूंकि जांच क्राइम ब्रांच के पास थी इसलिए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने हमारे आरटीआई आवेदन को अपराध के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को स्थानांतरित कर दिया. 15 मार्च 2022 को क्राइम ब्रांच के पीआईओ दीपक यादव ने हमारे सवाल का जवाब दिया.
इस घटना में एफआईआर की संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा, 'आवश्यक जानकारी इस इकाई से संबंधित नहीं है.' हमारे अन्य प्रश्नों पर, उन्होंने लिखा, 'जनवरी 2020 में जेएनयू परिसर में हिंसा से संबंधित सभी स्थानांतरित मामलों की जांच चल रही है.' इसलिए आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) (एच) के तहत छूट दी जा रही बाकी जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती है.
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