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कुलपति के बदले कुलगुरु कही जा सकती हैं JNU की वाइस चांसलर, नाम बदलने पर हो रहा विचार

जेएनयू में कुलपति को कुलगुरु कहने पर विचार किया जा रहा है. जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी द्वारा ये मांग उठा दी गई है. 14 सितंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की एक अहम बैठक होने वाली है जिसमें ये मुद्दा उठाया जाएगा.

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जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी
जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 14 सितंबर को अहम बैठक, नाम बदलने पर फैसला
  • जेंडर न्यूट्रल पद रखने की लंबे समय से उठ रही मांग

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुलपति को अब से कुलगुरु कहा जा सकता है. ये सुझाव जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी द्वारा रखा गया है. एक कार्यक्रम में बात रखते हुए वाइस चांसलर ने जोर देकर कहा कि पदों के नाम हमेशा जेंडर न्यूट्रल होने चाहिए जिससे किसी भी तरह का विवाद कभी पैदा ही ना हो.

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उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की एक अहम बैठक होने वाली है. उस बैठक में ये प्रस्ताव रखूंगी कि कुलपति की जगह कुलगुरु लिखा जाए. मैं तो जब इस यूनिवर्सिटी में आई थी, तब हर कोई 'शी' की जगह 'ही' का इस्तेमाल करता था. हर डॉक्यूमेंट पर भी 'ही' लिखा जाता था. लेकिन अब मैंने इसे बदलते हुए हर जगह 'शी' कर दिया है. वहीं मांग भी की गई है कि अबसे कुलपति की जगह कुलगुरु होना चाहिए.

वैसे इस पूरे मामले को उस विवाद से जोड़कर भी देखा जा रहा है जहां पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित कर दिया था. बाद में उन्होंने माफी जरूर मांगी, लेकिन विवाद बड़ा था और कांग्रेस को डैमेज हो चुका था. अब इसी वजह से जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी मांग कर रही हैं कि लैंगिक रूप से और अधिक तटस्थ शब्दों का इस्तेमाल होना चाहिए. अब उनकी मांग पर मुहर लगती है या नहीं, ये 14 सितंबर को तय हो जाएगा जब एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होगी.

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