हाथरस में दलित लड़की से रेप और हत्या के मामले पर पैदा हुए विवाद को यूपी सरकार ने साजिश करार दिया है. सरकार ने यूपी में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए षडयंत्र का आरोप लगाया है. चार लोगों को माहौल खराब करने की साजिश के आरोप में पकड़ा गया है. इनमें तीन लोग यूपी के हैं और एक केरल से है. केरल वाले आरोपी एक जर्नलिस्ट हैं. इन सभी का कनेक्शन पीएफआई से बताया जा रहा है.
इस मामले में केरल की एक जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केरल यूनियन वर्किंग जर्नलिस्ट (KUWJ) ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के खिलाफ हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की है.
एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को पकड़ना गैर-कानूनी और असंवैधानिक है, लिहाजा सिद्दीकी कप्पन की तुरंत रिहाई की जाए.
गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने सोमवार को मथुरा के रास्ते में चार लोगों को गिरफ्त में लिया था. इनमें मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद, रामपुर के आलम और केरल के मलप्पुरम के सिद्दीकी कप्पन को गिरफ्तार किया था. इन चारों पर यूपी पुलिस ने हाथरस के बहाने माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है.
सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी पर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने कहा है कि सिद्दीकी कप्पन एक सीनियर जर्नलिस्ट हैं जो दिल्ली में रहते हैं. एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि एक जर्नलिस्ट को कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ जाकर और उसके कर्तव्य निर्वहन में बाधा पहुंचाते हुए पकड़ा गया है. एसोसिएशन ने ये भी कहा कि सिद्दीकी के परिवार या सहयोगियों को भी जानकारी नहीं दी गई.
सिद्दीकी कप्पन एक मलयालम न्यूज आउटलेट के पत्रकार हैं जो काफी वक्त से दिल्ली में ही रहते हैं. सिद्दीकी केरल यूनियन वर्किंग जर्नलिस्ट के सचिव भी हैं.