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जज के घर कैश मामले में ऑल पार्टी मीटिंग बेनतीजा! अगले हफ्ते सदन में हो सकती है चर्चा

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने के आरोपों के मद्देनजर न्यायिक जवाबदेही पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा मंगलवार को बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग में कोई निष्कर्ष नहीं निकला. उन्होंने ये भी कहा कि सदन में अगले हफ्ते इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.

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Vice President Jagdeep Dhankhar. (फाइल फोटो)
Vice President Jagdeep Dhankhar. (फाइल फोटो)

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग बेनतीजा रही है. अब इस मुद्दे पर अगले हफ्ते संसद में चर्चा हो सकती है.

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बैठक के बाद संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हाईकोर्ट के  एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने के आरोपों के मद्देनजर न्यायिक जवाबदेही पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला. उन्होंने ये भी कहा कि सदन में अगले हफ्ते इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.

चतुर्वेदी ने कहा, 'आज की बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला. अब अध्यक्ष सदन के नेताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से इस पर चर्चा करेंगे और किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे... आगामी हफ्ते में सदन में इस पर चर्चा हो सकती है.'

सदन में हो चर्चा: TMC सांसद

एक सूत्र के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मांग की कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की जाए, न कि सदन के बाहर.

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टीएमसी के एक नेता ने कहा, 'संसद में मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है? मुद्दों को सूचीबद्ध करने और उन पर चर्चा करने की एक सिस्टम है. कोई सांसद या तो नोटिस देता है या प्रस्ताव लाता है.'

टीएमसी नेता ने कहा, 'एआईटीसी ने अन्य मुद्दों के अलावा डुप्लिकेट ईपीआईसी कार्ड के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है जो पिछले 10 दिनों से सूचीबद्ध होने का इंतजार कर रहा है. हम धैर्य रखते हैं, लेकिन ये सरकार संसद का अपमान कर रही है. इन सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. कहीं और नहीं.'

ये अच्छी पहल है: BJP सांसद

इस बीच भाजपा सांसद किरण चौधरी ने इसे सभापति द्वारा की गई एक अच्छी पहल बताया.

उन्होंने कहा, 'यह एक अच्छी पहल है. न्यायपालिका पर सभी का भरोसा है, लेकिन इस घटना के बारे में जो बातें कही जा रही हैं. चाहे वे सच हों या झूठ, वे चिंता पैदा करती हैं. अगर न्यायपालिका से भरोसा उठ गया तो कुछ नहीं बचेगा.'

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सोमवार को सदन के नेता जे पी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की थी और कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने से पहले CJI द्वारा नियुक्त आंतरिक जांच पैनल के नतीजे का इंतजार करने का फैसला किया है.

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ये बैठक 21 मार्च को सदन में कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा नकदी वसूली विवाद पर उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए धनखड़ द्वारा की गई टिप्पणियों के संदर्भ में आयोजित की गई थी.

धनखड़ ने 2014 में एनजेएसी अधिनियम के पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए तंत्र का उल्लेख किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया था. सभापति ने सदन में ये भी कहा था कि वह इस मुद्दे पर सत्र के दौरान संरचित चर्चा के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे.

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