इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के सत्र में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने हिस्सा लिया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों ने न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर चल रही डिबेट पर अपने विचार रखे.
NJAC के केस में अपने फैसले पर क्या बोले चेलमेश्वर?
नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट कमिशन एक्ट को बरकरार रखने के अपने फैसले पर बात करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि नहीं, मुझे नहीं लगता है कि मैंने उस फैसले को लिखने में कोई गलती की थी. उन्होंने कहा कि तत्कालीन संसद द्वारा सर्वसम्मति से उस बिल को पास किया गया था. उन्होंने कहा कि संवैधानिक कानून में, मेरे लिए ये विश्वास कर पाना मुश्किल होता है कि इस देश के जजों की नियुक्ति के मामले में एक निर्वाचित सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी.
कॉलेजियम सिस्टम पर क्या बोले जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर
सत्र के दौरान जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर से पूछा गया कि वो कॉलेजियम सिस्टम द्वारा जजों की नियुक्ति को कैसे देखते हैं. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वो इस प्रक्रिया से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम अपारदर्शी है. उन्होंने कहा कि कई फैसलों में, कोई नहीं समझता कि उन्हें क्यों लिया गया है. उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम में पारदर्शिता की कमी है.
बेल और कोर्ट ट्रायल पर क्या बोले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज?
कॉलेजियम सिस्टम पर क्या बोले जस्टिस कुरियन जोसेफ
जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कॉलेजियम सिस्टम पर बात करते हुए कहा कि मैं मानता था और हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कॉलेजियम सिस्टम में बेहतर तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कॉलेजियम सिस्टम कैसे काम करता है? उन्होंने कहा कि NJAC में अलग जजमेंट में उन्होंने ये बात कही थी कि कॉलेजियम सिस्टम में और ज्यादा पार्दर्शिता की जरूरत है.
जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर क्या बोले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज?
जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर ने कहा कि उस प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ हासिल करने का उद्देश्य नहीं था. हमें लगा था कि कुछ चीजें हैं जो ठीक नहीं हो रही हैं. हमने उसमें सुधार लाने की कोशिश की, लेकिन हमने ये महसूस किया कि कई कारणों के चलते उसमें सुधार लाना हमारी क्षमता से परे था. वहीं, उस प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात करते हुए जस्ती चेलमेश्वर ने कहा कि मैंने बस अपने विचार सामने रखने चाहे थे. उसमें दूसरे जजों ने उनके साथ सहमति दिखाई. उन्होंने कहा कि मैंने किसी को फोर्स नहीं किया था. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस मेरे घर पर हुई थी, इसलिए उस वक्त ऐसा दिखाया गया कि मैंने दूसरे जजों को फोर्स किया.
क्या सुप्रीम कोर्ट में अब सब ठीक है?
इस सवाल के जवाब में जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर ने कहा, "मुझे नहीं पता. मेरे घर में टीवी नहीं है और मैं न्यूजपेपर भी नहीं खरीदता. मैं इसका उत्तर देने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं."