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दिल्ली शराब घोटाले में CBI ने के कविता को किया तलब, 26 फरवरी को पेश होने को कहा

CBI ने Delhi excise policy scam में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस विधायक के.कविता को अगले सप्ताह तलब किया है. कविता को सोमवार को सीबीआई मुख्यालय में जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

CBI ने Delhi excise policy scam में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस विधायक के.कविता को अगले सप्ताह तलब किया है. कविता को सोमवार 26 फरवरी को सीबीआई मुख्यालय में जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. कविता को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत समन जारी किया गया है.

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एजेंसी ने इससे पहले दिसंबर, 2022 में हैदराबाद में उनके आवास पर बयान दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया है कि मामले के एक आरोपी विजय नायर को साउथ ग्रुप नामक समूह (सरथ रेड्डी, कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित) के नेताओं की ओर से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी.

घोटाले में कैसे आया कविता का नाम 
बता दें कि ईडी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी और गुरुग्राम के व्यवसायी अमित अरोड़ा की रिमांड कॉपी में कहा है कि अरोड़ा ने पिछले एक साल में टीआरएस (अब BRS) एमएलसी कविता समेत 35 लोगों से संपर्क किया था. रिमांड कॉपी में ये भी कहा गया है कि अमित अरोड़ा ने कविता से दो अलग-अलग नंबरों के जरिए 10 बार संपर्क किया था.अरोड़ा गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल के निदेशक हैं. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कविता को भी जांच के दायरे में ले लिया.

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CRPC 41 (a) का क्या है मतलब
(1) धारा 41 के प्रावधानों के तहत किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है. नोटिस जारी कर उस व्यक्ति को निर्देश दिया जाए जिसके खिलाफ शिकायत की गई है, या विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है. या उचित संदेह है कि उसने कोई संज्ञेय अपराध किया है.

(2) जहां किसी व्यक्ति को ऐसा नोटिस जारी किया जाता है, तो नोटिस की शर्तों का अनुपालन करना उस व्यक्ति का कर्तव्य होगा.

(3) जहां ऐसा व्यक्ति नोटिस का अनुपालन करता है और अनुपालन करना जारी रखता है, उसे नोटिस में बताए अपराध के संबंध में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

(4) जहां ऐसा व्यक्ति, किसी भी समय, नोटिस की शर्तों का पालन करने में विफल रहता है या अपनी पहचान बताने के लिए तैयार नहीं है, तो पुलिस अधिकारी सक्षम न्यायालय द्वारा इस संबंध में पारित किए गए आदेशों के अधीन हो सकता है.

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