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Kaali Poster Controversy: हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए कनाडा के म्यूजियम ने मांगी माफी

मां काली के विवादित पोस्टर पर छिड़े विवाद को लेकर कनाडा के म्यूजियम ने माफी मांग ली है. इस बात को स्वीकार कर लिया गया है कि उस पोस्टर की वजह से हिंदू आस्था को ठेस पहुंची है.

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काली का विवादित पोस्टर
काली का विवादित पोस्टर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय उच्चायोग की आपत्ति के बाद माफी मांगी गई
  • लीना मण‍िमेकलई पर कई राज्यों में दर्ज हुआ केस

फिल्ममेकर लीना मण‍िमेकलई की डाक्यूमेंट्री 'काली' के पोस्टर पर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अभी तक इस मामले में लीना की तरफ से तो कोई माफी नहीं आई है, लेकिन कनाडा के जिस म्यूजियम में इसे दिखाया गया था, उसने हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने पर खेद प्रकट किया है.

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जानकारी के लिए बता दें कि टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में काली डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी सामाग्री दिखाई गई थी. लेकिन जब ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने उस पोस्ट पर आपत्ति जाहिर की तो म्यूजियम ने सामने से आकर माफी मांग ली है. जारी बयान में आगा खान म्यूजियम ने कहा है कि म्यूजियम को इस बात का खेद है कि अंडर द टेंट प्रोजेक्ट के तहत दिखाई गईं 18 छोटी वीडियोज में से एक को लेकर विवाद हुआ है. हिंदू समाज के लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है.

यहां ये जानना हो जाता है कि कुछ दिन पहले ही ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस विवाद पर अपनी आपत्ति जता दी थी. बयान में कहा गया था कि हमें कनाडा के हिंदू नेताओं की तरफ से कई शिकायतें मिली हैं. शिकायत में कहा जा रहा है कि कनाडा में अंडर द टेंट प्रोजेक्ट के तहत एक पोस्टर प्रदर्शित किया गया है. इसमें हिंदू देवी-देवताओं की बेअदबी की गई है. हम कनाडा के अधिकारियों से अपील करते हैं कि सभी आपत्तिजनक मटेरियल को तुरंत हटा लिया जाए.

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अब उस अपील का असर म्यूजियम पर दिख गया है जिसने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके एक वीडियो ने हिंदू देवी का अपमान किया है और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास रहा है. अभी के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में फिल्ममेकर लीना मण‍िमेकलई के खिलाफ शिकायत दर्ज हो रही हैं. उनकी गिरफ्तारी की मांग भी उठाई जा रही है.

जिस पोस्टर को लेकर ये सारा विवाद खड़ा हुआ है, उसकी बात करें तो उसमें मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है. उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का झंडा भी दिखा दिया गया है. उसी पोस्टर ने हिंदू समाज की भावनाओं को आहत किया है और फिल्ममेकर के खिलाफ एक्शन की मांग उठ रही है.

इस पूरे बवाल पर लीना का कहना है कि वे मरते दम तक अपनी आवाज उठाती रहेंगी. वे आगे भी बेखौफ होकर अपनी बात रखेंगी. एक ट्वीट में उन्होंने सफाई देते हुए ये भी बताया था कि फिल्म उन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उस शाम की है, जब काली प्रकट होती है और टोरंटो की सड़कों पर टहलती है. यदि आप तस्वीर देखते हैं, तो हैशटैग "अरेस्ट लीना मणिमेकलई" न डालें और हैशटैग "लव यू लीना मणिमेकलई" डालें.

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