अंजलि की मौत के करीब 100 घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कंझावला एक्सीडेंट केस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान स्पेशल पुलिस कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा ने तमाम नए खुलासे किए. लेकिन इन खुलासों ने कंझावला केस की गुत्थी को सुलझाने के बजाय और उलझा दिया है. दरअसल, अभी तक पुलिस का कहना था कि मामले में सिर्फ 5 आरोपी हैं. जबकि अब पुलिस ने बताया है कि मामले में 7 लोगों को आरोपियों बनाया गया है. इन दो आरोपियों की तलाश की जा रही है. इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि कार दीपक नहीं बल्कि अमित चला रहा था. जबकि पहले दिन से पुलिस ये बताती आ रही थी कि कार दीपक चल रहा था. आईए जानते हैं कि पुलिस ने गुरुवार को कौन कौन से खुलासे किए...
1- मामले में 5 नहीं 7 आरोपी
कंझावला केस में पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों (मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन ) को गिरफ्तार किया है. उनसे लगातार पूछताछ जारी है. लेकिन गुरुवार को पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि अंजलि एक्सीडेंट केस में कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. यानी अब दो नए आरोपी आशुतोष और अंकुश खन्ना का नाम जोड़ा गया है. दोनों अभी फरार हैं.
2- कार दीपक नहीं अमित चला रहा था
स्पेशल पुलिस कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि कार दीपक नहीं अमित चला रहा था. पुलिस के मुताबिक, अमित पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. ऐसे में अंकुश खन्ना ने ही उसे सलाह दी थी कि वह पुलिस के सामने कहे कि वही कार चला रहा था. यानी पुलिस चार दिन से जो क्राइम थ्योरी बता रही थी, अब वह पूरी तरह से उलटती नजर आ रही है.
3- आरोपी और पीड़िता का पुराना कनेक्शन नहीं
पुलिस के मुताबिक, आरोपी और पीड़िता अंजलि का कोई पुराना कनेक्शन नहीं निकला है. आरोपी अंजलि को पहले से नहीं जानते थे. पुलिस ने ये दावा सीडीआर रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर लिया.
4- निधि और आरोपियों का भी कनेक्शन नहीं
अंजलि की सहेली निधि की भूमिका पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस ने उसके बयान चश्मदीद के तौर पर दर्ज कराए हैं. लेकिन पुलिस का कहना है कि उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. हालांकि, अभी तक कॉल रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वह आरोपियों को पहले से नहीं जानती थी.
5- आरोपियों को पता था कि कार के नीचे शव है
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपियों को इस बात की जानकारी थी कि उनकी कार में ह्यूमन शव फंसा है. उन्होंने कहा कि हम कानूनी तरीके से मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की संभावनाओं पर भी काम कर रहे हैं. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि आरोपियों की कार से अंजलि की स्कूटी टकरा गई थी. इसके बाद उसका पैर आरोपियों की कार में फंस गया था. आरोपियों की इसकी जानकारी नहीं थी कि उनकी कार में कुछ फंसा है. ऐसे में वे 13 किमी तक अंजलि को घसीटते रहे. जैसे ही आरोपियों को पता चला कि उनके कार में शव फंसा है. वे शव को सड़क पर छोड़कर भाग गए.
6- आरोपियों ने सबूत छिपाने की कोशिश की
स्पेशल पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, आरोपियों ने सबूत छुपाने की कोशिश की. इतना ही नहीं उनके बयान में भी विरोधाभास है.
7 - क्या नशे में थी अंजलि ?
जब स्पेशल पुलिस कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा से पूछा गया कि निधि दावा कर रही है कि अंजलि नशे में थी, तो जांच में क्या इस बारे में कुछ पता चला है? इस पर उन्होंने कहा कि अंजलि नशे में थी या नहीं, इससे इस केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता. हालांकि, उन्होंने कहा कि विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ होगा.
8- नहीं मिला अंजलि का फोन
पुलिस के मुताबिक अब तक अंजलि का फोन भी बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि हम सबूतों की जांच में जुटे हैं. इसके अलावा और सबूत खोजे जा रहे हैं. ताकि हम जल्द से जल्द ठोस चार्जशीट दाखिल कर सकें और आरोपियों को सजा दिला सकें.
उलझती जा रही अंजलि केस की गुत्थी
1 जनवरी- पुलिस को सुल्तानपुरी में अंजलि का शव मिला. पुलिस ने एक्सीडेंट की धाराओं में केस दर्ज किया और 5 आरोपी गिरफ्तार किए. पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पता नहीं था कि उनके कार में शव फंसा है.
2 जनवरी- एक्सीडेंट की थ्योरी पर सवाल उठे. पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी.
3 जनवरी- एक्सीडेंट की घटना में नए शख्स की एंट्री. ये अंजलि की सहेली निधि थी. निधि ने बताया कि वह एक्सीडेंट के वक्त अंजलि के साथ थी. निधि ने अंजलि के नशे में होने की बात कही.
4 जनवरी- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अल्कोहल का जिक्र नहीं. निधि के घर पहुंचने की टाइमिंग पर सवाल उठे. अंजलि के परिवार ने निधि के दावों को झूठा बताया.
5 जनवरी- पुलिस ने कहा कि गाड़ी दीपक नहीं अमित चला रहा था. केस में 5 नहीं कुल 7 आरोपी बनाए गए हैं. अब पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पता था कि उनके कार में ह्यूमन बॉडी फंसी है.