उत्तर प्रदेश में कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रेलवे कालोनी की निवासी 31 वर्षीय चांदनी मिश्रा के शरीर में अब वड़ोदरा की 35 वर्षीय महिला का दिल धड़केगा. वड़ोदरा की महिला ने एक तरह से चांदनी मिश्रा को नया जीवन दिया है. गुरुवार की देर रात तक फरीदाबाद के सेक्टर-21 ए स्थित एशियन अस्पताल में चली प्रक्रिया में हृदय को प्रत्यारोपित किया गया.
फरीदाबाद के एशियन अस्पताल की ओर से दावा किया जा रहा है कि ये हरियाणा का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट है. फरीदाबाद के अस्पताल में हरियाणा का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ. दिल्ली से फरीदाबाद के बीच ग्रीन कॉरिडोर के जरिए 40 किलोमीटर की दूरी 30 मिनट में तय कर हार्ट ले जाया गया.
ग्रीन कॉरिडोर की मदद से समय पर पहुंचा हार्ट
फरीदाबाद के एशियन अस्पताल में डॉक्टरों ने मात्र 40 मिनट में महिला का हार्ट ट्रांसप्लांट करने में कामयाबी हासिल की है. हालांकि इस हार्ट को गुजरात के वडोदरा से चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली लाया गया था जहां से 40 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. सफलतापूर्वक हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरों ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस का धन्यवाद किया और कहा कि ग्रीन कॉरिडोर बनाने के चलते हार्ट समय पर अस्पताल पहुंच सका.
4 साल से दिल का इंतजार कर रही थी महिला
हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि मरीज का पिछले तीन महीने से उनके यहां उपचार चल रहा था. मरीज का दिल केवल 14 फीसदी काम कर रहा था. इसका एकमात्र उपचार हार्ट ट्रांसप्लांट ही था लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए मैचिंग ब्रांडेड डोनर नहीं मिलने के कारण वह चार साल से दिल का इंतजार कर रही थी. डॉक्टर अमित के मुताबिक बीते 6 जनवरी को सुबह नोटो (नेशनल डोनर टिशू एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) की तरफ से उनके पास फोन आया कि वडोदरा गुजरात में एक महिला की मृत्यु हुई है, जिसका ब्लड ग्रुप उनकी मरीज के ब्लड ग्रुप से मैच करता है. उन्होंने तुरंत ही मरीज को उसके पति के साथ कानपुर से फरीदाबाद ट्रांसप्लांट के लिए बुलवा लिया. डॉक्टर अमित के मुताबिक सुबह ही एक चार्टर प्लेन से टीम वडोदरा के अस्पताल पहुंची और हार्ट लेकर शाम करीब 7 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची.
दूसरे शरीर में ट्रांसप्लांट के लिए होता है केवल 6 घंटे का समय
इसके बाद गुरुग्राम और फरीदाबाद के बीच ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया ताकि बिना किसी रूकावट के और बिना देरी के हार्ट को फरीदाबाद के अस्पताल लाया जा सके. डॉक्टर अमित के मुताबिक केवल 30 मिनट में दिल्ली एयरपोर्ट से फरीदाबाद के अस्पताल की 40 किलोमीटर की दूरी तय की गई. वहीं, अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर एनके पांडेय ने बताया कि यह बहुत ही जटिल सर्जरी थी. ब्रांडेड मरीज के शरीर से हार्ट निकालने के बाद दूसरे मरीज के शरीर में लगाने के लिए केवल छह घंटे का समय होता है.
4 घंटे में पूरा किया गया ट्रांसप्लांट
एशियन अस्पताल के डॉक्टरों ने यह ट्रांसप्लांट करीब 4 घंटे में पूरा कर लिया. डॉक्टर अमित और अस्पताल के डायरेक्टर एनके पांडेय ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए फरीदाबाद गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि दिल्ली से फरीदाबाद लाने के लिए पुलिस ने ग्रीन कोरिडोर बनाया जिसके चलते केवल 40 मिनट में हार्ट फरीदाबाद अस्पताल पहुंचा और समय पर ट्रांसप्लांट किया जा सका.