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रात 10 बजे मेडिकल चेकअप, 7 लाख के हथियार...? सिब्बल ने अतीक-अशरफ की हत्या पर उठाए 8 सवाल

अतीक और अशरफ को जब पुलिस कस्टडी में प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था, इसी दौरान तीन आरोपियों अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने उन पर तड़ातड़ गोलियां बरसा दीं. हत्याकांड के बाद तीनों हमलावरों को सरेंडर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. वारदात को तीन युवकों ने अंजाम दिया, जो पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं.

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कपिल सिब्बल ने अतीक की हत्या पर उठाए सवाल
कपिल सिब्बल ने अतीक की हत्या पर उठाए सवाल

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को पुलिस घेरे में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों शूटरों ने सरेंडर कर दिया. जहां विपक्ष इस हत्याकांड को लेकर सत्ताधारी बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. तो वहीं अब राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अतीक अशरफ की हत्या पर 8 सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है. 

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कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा, अतीक और अशरफ (द आर्ट ऑफ एलिमिनेशन). इसके साथ ही उन्होंने इस हत्याकांड पर 8 सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि बिना मेडिकल इमरजेंसी के रात 10 बजे मेडिकल चेकअप के लिए दोनों को क्यों लाया गया. इससे पहले सिब्बल ने असद के एनकाउंटर को लेकर कहा था कि एक नौजवान (असद) जिसकी उम्र 19 साल है, वह देश की सुरक्षा को कैसे खतरे में डाल सकता है. 

सिब्बल ने पूछे ये 8 सवाल

1- रात 10 बजे मेडिकल चेकअप?
2- कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं
3- पीड़ितों (अतीक-अशरफ) को टहलाया जा रहा था.
4- मीडिया में खुले में क्यों लाया गया?
5- हत्यारे एक दूसरे से अंजान थे?
6- शूटरों के पास 7 लाख से ज्यादा कीमत के हथियार
7- शूटर पहले से ट्रेन्ड थे
 8- हत्या के बाद सभी तीनों ने सरेंडर किया.

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विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार

अतीक और अशरफ के दोहरे हत्याकांड के बाद सत्ताधारी बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. विपक्ष ने यूपी में शासन की तुलना जंगल राज और माफिया राज से की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा, देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आजादी के लिए लड़े थे. हमारा इसी संविधान और कानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है. अपराधी की सजा का फैसले का अधिकार न्यायपालिका का है. ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है.

खड़गे ने कहा,  गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं. समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाजी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है. किसी भी मुजरिम को सख्त से सख्त सजा मिले,इसके लिए अदालतें हैं. कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है. 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, राज्य जंगल राज की चपेट में है. अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं. आज के हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए. सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है. भाजपा भाईचारे के खिलाफ है.

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बसपा सुप्रिमो मायावती ने कहा, प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या को लेकर कई चर्चाएं गर्म हैं. लोगों को लगता है कि विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है. घटना के सभी तथ्य और सच्चाई जनता के सामने आ सके. इसके लिए उच्चस्तरीय जांच जरूरी है.

हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या बीजेपी जुनैद और नासिर की हत्या करने वालों का भी ऐसे ही एनकाउंटर करेगी? नहीं, क्योंकि बीजेपी मजहब के नाम पर एनकाउंटर करती है. आप कानून को कमजोर करना चाहते हैं. संविधान का एनकाउंटर करते हैं.
 


 

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