कांग्रेस पार्टी को बुधवार सुबह बहुत बड़ा सदमा पहुंचा जब वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने अस्पताल में आखिरी सांस ली. 71 साल के अहमद पटेल को एक महीना पहले कोरोना हुआ था, जिसके बाद से ही गुरुग्राम के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. तड़के उनके बेटे फैसल पटेल ने मौत की जानकारी दी जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने दुख की इस घड़ी में परिवार को सांत्वना दी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल तो दिल्ली स्थित अहमद पटेल के आवास पहुंच गए. उनकी आंखें नम थीं. जबान लड़खड़ाई थी. उन्होंने अपना दोस्त खो दिया था. साथ ही एक ऐसा नेता खो दिया था, जो पर्दे पर न होकर भी हमेशा लीड रोल में रहा.
शायद यही वजह थी कि अहमद पटेल की मौत से दुखी कपिल सिब्बल की आंखों से जब आंसू निकले तो साथ ही कांग्रेस पार्टी में उनके रोल का भी उन्होंने जिक्र कर दिया. कपिल सिब्बल ने कहा, 'मैं नहीं जानता कांग्रेस पार्टी उनके बिना क्या करेगी क्योंकि ऐसे लोग बहुत कम पैदा होते हैं और हमेशा याद किए जाएंगे.''
कपिल सिब्बल का ये बयान बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी में अहमद पटेल का क्या स्थान था. वो कांग्रेस के सबसे बड़े संकटमोचक और सोनिया गांधी के सबसे बड़े सलाहकार के तौर पर हमेशा जाने जाते रहे. इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ अहमद पटेल ने सामंजस्य बनाए रखा और हमेशा गांधी परिवार के करीबी रहे. हमेशा संगठन में काम करते रहे, कभी सरकार में शामिल नहीं हुए.
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कपिल सिब्बल ने भी कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने अपने लिए कुछ नहीं मांगा और पार्टी सत्ता से बाहर हो गई तो उन्होंने सबको साथ रखने के लिए संघर्ष किया.
अहमद पटेल कभी सरकार में नहीं रहे लेकिन कहा जाता है कि उनके मशविरे से ही कांग्रेस की सरकारों में अहम फैसले लिए जाते थे. अहमद पटेल के कद का अंदाजा सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के बयानों से भी लगाया जा सकता है. अहमद पटेल के निधन को तीनों ही नेताओं ने अपनी निजी क्षति बताया है. अहमद पटेल के सम्मान में तीन दिन कांग्रेस का झंडा झुका आधा झुका रहेगा.