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बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब बसवराज बोम्मई कर्नाटक (Karnataka) के नए मुख्यमंत्री होंगे. मंगलवार को येदियुरप्पा ने खुद इसका ऐलान करके सस्पेंस खत्म कर दिया है. बता दें कि बसवराज बोम्मई का नाम येदियुरप्पा ने ही सुझाया था, जिसका मंत्री के एस ईश्वरप्पा और बाकी सभी विधायकों ने समर्थन किया.
जनता दल (Janta Dal) से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले बसवराज बोम्मई येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्री रहे हैं और उनके बेहद करीबी भी माने जाते हैं.
बसवराज बोम्मई के पिता भी रहे हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री
बसवराज बोम्मई (Basavaraj S Bommai) सादर लिंगायत समुदाय से आते हैं. उनका जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ. वह पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के करीबी माने जाते हैं और उनका ताल्लुक कभी 'जनता परिवार' से हुआ करता था. उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं.
बसवराज बोम्मई 2008 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए और तब से लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए. वह पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी.
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं बसवराज बोम्मई
बोम्मई पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी. वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रहे हैं. वह 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानपरिषद के सदस्य के रूप में चुने गए. बोम्मई ने बीजेपी में शामिल होने से पहले एचडी देवेगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है.
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जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ने के बाद बोम्मई फरवरी, 2008 में बीजेपी में शामिल हो गए. 2008 के कर्नाटक में हुए चुनावों में वह हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए.
कर्नाटक में 3 मुख्यमंत्री ही पूरा कर सके कार्यकाल
मुख्यमंत्री के लिए नाम के ऐलान से पहले बोम्मई ने इंडिया टुडे टीवी से कहा कि हम विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के बारे में जानेंगे. उन्होंने कहा कि कोविड- 19 स्थिति को संभालना अगले मुख्यमंत्री के लिए एक चुनौती होगी. हमें इससे लड़ने की जरूरत है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले 22 नेताओं में से केवल तीन मुख्यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके. कार्यवाहक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने चार अलग-अलग कार्यकालों के जरिए कुल 1,901 दिनों के लिए पद संभाला. जबकि राज्य में अब तक 9 मौकों पर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का एक साल भी पूरा नहीं कर सके.
येदियुरप्पा के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में जिन नामों की चर्चा चल रही थी उनमें केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि, बी एल संतोष और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शामिल थे.