कर्नाटक में शराब खरीदने की कानूनी उम्र को नहीं घटाया जाएगा. सरकार ने शराब खरीदने की कानूनी उम्र को 21 से घटाकर 18 साल करने का जो प्रस्ताव रखा था, उसे वापस ले लिया है. शराब खरीदने की कानूनी उम्र को 21 साल से घटाकर 18 साल करने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर जमकर बवाल हो रहा था.
कर्नाटक के एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि लोगों और संस्थाओं की ओर से आपत्ति जताने के बाद उम्र घटाने के प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है.
कर्नाटक सरकार के एक्साइज कानून की धारा 36(1)(g) 18 साल से कम उम्र के लोगों को शराब बेचने पर प्रतिबंध लगाती है. हालांकि, कर्नाटक एक्साइज (जनरल कंडीशन ऑफ लाइसेंस) के नियम 10(1)(e) के मुताबिक, 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब नहीं बेची जा सकती.
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक की बसवराज बोम्मई की सरकार ने 9 जनवरी को एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें शराब खरीदने की कानूनी उम्र को 21 साल से घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव रखा गया था.
इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर 30 दिन के भीतर आपत्ति मांगी गई थी. कानूनी उम्र घटाने का विरोध शुरू हो गया था. विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार को घेर लिया था.
इसके बाद 19 जनवरी को एक्साइज डिपार्टमेंट ने बताया कि कानूनी उम्र को 21 से घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है.
देश में शराब पीने की कानूनी उम्र क्या है?
देश में शराब पीने की कोई एक तय कानूनी उम्र है. हालांकि, इतना है कि 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को शराब नहीं बेची जा सकती.
शराब पीने और खरीदने की कानूनी उम्र हर राज्य में अलग-अलग है. हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सिक्किम और मेघालय में शराब खरीदने की कानूनी उम्र 18 साल है.
वहीं पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में ये उम्र 21 साल है. जबकि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 25 साल की उम्र तय है.
दिल्ली में भी पहले शराब पीने और खरीदने की कानूनी उम्र 21 साल थी. लेकिन पिछले साल सितंबर में फिर से पुरानी एक्साइज पॉलिसी लागू होने के कारण ये उम्र बढ़कर 25 साल हो गई.
महाराष्ट्र में बीयर और हार्ड लिकर पीने और खरीदने की कानूनी उम्र अलग-अलग है. महाराष्ट्र में बीयर या वाइन खरीदने के लिए 21 साल तो हार्ड लिकर के लिए 25 साल उम्र होना चाहिए.
केरल देश का इकलौता राज्य है जहां शराब खरीदने और पीने की कानूनी उम्र 23 साल है. वहीं गुजरात, बिहार, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में शराब बैन है. हालांकि, मणिपुर में अब शराबबंदी में थोड़ी छूट दी गई है.
कितने भारतीय पीते हैं शराब?
भारत में शराब पीने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. साइंस जर्नल लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक, तीन दशकों में भारत में शराब पीने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
लैंसेट की स्टडी बताती है कि 1990 की तुलना में 2020 में भारत में शराब पीने वालों की संख्या 26 फीसदी तक बढ़ गई है. लैंसेट का अनुमान है कि 2020 में देश में 15 से 39 साल की करीब 54 लाख महिलाएं और 8 करोड़ पुरुष शराब पीते हैं.
वहीं, 40 से 64 साल की उम्र की 29.50 लाख महिलाएं और 3.88 करोड़ पुरुष शराब पीते हैं. जबकि, 65 साल या उससे ज्यादा की उम्र के 57.70 लाख पुरुष और महिलाएं शराब का सेवन करते हैं. कुल मिलाकर भारत में शराब पीने वालों की अनुमानित संख्या 13.27 करोड़ से ज्यादा है.
इसके अलावा, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 20 फीसदी भारतीय शराब का सेवन करते हैं. यानी, 100 में से 20 भारतीय शराब पीते हैं. इनमें 19 फीसदी पुरुष और 1 फीसदी के आसपास महिलाएं हैं. शराब पीने वाले पुरुषों की संख्या शहरों की तुलना में गांवों में ज्यादा है. शहरों में रहने वाले करीब 17 फीसदी और गांवों में रहने वाले 20 फीसदी पुरुष शराब पीते हैं.
वहीं, नेशनल ड्रग डिपेंडेंट ट्रीटमेंट (एनडीडीटी), एम्स की 2019 में आई रिपोर्ट बताती है कि भारत में 16 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें शराब की लत है. इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है.
अनुमान है कि इस समय में देश में हर साल 5 अरब लीटर शराब की खपत हो रही है, जो 2024 तक सालाना 6.21 अरब लीटर तक पहुंचने का अनुमान है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है. 2009 में एक आम भारतीय सालाना औसतन 3.8 लीटर शराब पीता था. जबकि, 2019 में बढ़कर 5.61 लीटर हो गई है.