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कर्नाटक: पत्नी के सामने महिला से रेप, धर्म परिवर्तन के लिए किया मजबूर, 7 लोगों के खिलाफ FIR

पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति और उसकी पत्नी ने उसकी अंतरंग तस्वीरों का उपयोग करके उसे ब्लैकमेल किया और उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहा.

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पत्नी के सामने महिला से रेप, धर्म परिवर्तन के लिए किया मजबूर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पत्नी के सामने महिला से रेप, धर्म परिवर्तन के लिए किया मजबूर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कर्नाटक (Karnataka) में 28 वर्षीय विवाहित महिला को उसकी असहज तस्वीरों का उपयोग करके ब्लैकमेल करने और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपी ने अपनी पत्नी के सामने रेप किया और उसे बुर्का पहनने और माथे पर 'कुमकुम' नहीं लगाने के लिए मजबूर किया गया.

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पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी रफीक और उसकी पत्नी ने पीड़ित महिला के साथ छेड़छाड़ की और उसके साथ यौन संबंध बनाए. उसके बाद उसकी अंतरंग तस्वीरें ले लीं, जिसके जरिए उसने पीड़ित महिला को ब्लैकमेल किया और कहा कि वह इस्लाम धर्म अपना ले. 

'जातीय शब्दों का इस्तेमाल'

पुलिस ने कहा कि रफीक और उसकी पत्नी ने 2023 में महिला को बेलगावी में अपने घर में रहने के लिए मजबूर किया और मांग की कि वह जो कुछ भी कहें उसका पालन करे. महिला ने आरोप लगाया कि पिछले साल जब वे तीनों एक साथ रहते थे, तो रफीक ने अपनी पत्नी के सामने उसके साथ रेप किया था.

बेलगावी के एसपी भीमाशंकर गुलेदा ने कहा कि इसी महीने में दंपति ने कथित तौर पर महिला को 'कुमकुम' नहीं पहनने के लिए कहा और उसे बुर्का पहनने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया. महिला ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ जाति आधारित अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया. 

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महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि रफीक ने उससे अपने पति को तलाक देने के लिए कहा और धमकी दी कि अगर वह उसकी बात नहीं मानेगी तो वह उसकी अंतरंग तस्वीरें लीक कर देगा. उसने कहा कि दंपति ने उसे धर्म परिवर्तन न करने पर जान से मारने की धमकी दी.

महिला की शिकायत पर सात लोगों के खिलाफ सौंदत्ती में एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर 'कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार संरक्षण अधिनियम', आईटी कानून की प्रासंगिक धाराओं, एससी/एसटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें बलात्कार, अपहरण, गलत कारावास और आपराधिक धमकी शामिल हैं.

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