कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव बीआर पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ये फैसला अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए फंड आवंटित न होने की वजह से लिया है. बीआर पाटिल कांग्रेस से विधायक भी हैं.
बता दें कि बीआर पाटिल कलबुर्गी जिले की आलंद विधानसभा सीट चुने गए थे. उन्होंने दोपहर में अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा, जो फिलहाल मैसूर में हैं. बीआर पाटिल सिद्धारमैया सरकार में पहले कैबिनेट मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन जब उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, तो दिसंबर 2023 में उन्हें मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था. उनके साथ विधायक बसवराज रायारेड्डी को मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार और वरिष्ठ विधायक आर.वी. देशपांडे को प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, जिनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर था.
सरकार की कुछ नीतियों और मंत्रियों के फैसलों के खिलाफ अपने मुखर रुख के लिए जाने जाने वाले पाटिल को अक्सर प्रशासन के भीतर आलोचक के रूप में देखा जाता था. जानकारी के मुताबिक वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए आवंटित विकास निधि की कमी से असंतुष्ट थे और सरकार में उन्हें जो पद दिया गया था, उससे भी नाखुश थे. उनके इस्तीफे ने अब राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
सूत्रों के अनुसार सलाहकार की भूमिका से हटने के बावजूद पाटिल विधायक बने रहेंगे. प्रशासन की आलोचना करने वाले उनके पिछले ओपन लेटर के बाद इस कदम को सरकार के प्रति उनके असंतोष का एक और उदाहरण माना जा रहा है.
इससे पहले कांग्रेस सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक के दौरान भी बीआर पाटिल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी, जिससे पार्टी के भीतर तनाव और बढ़ गया था.