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'मैं सीएम बनाना भी जानता हूं और गिराना भी...', कर्नाटक कांग्रेस नेता का सिद्धारमैया पर तंज

हरिप्रसाद ने सिद्धारमैया द्वारा किए गए अधूरे वादों पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मैंने सिद्धारमैया से केवल एक चीज मांगी थी, मैंने करकला में कोटि चेन्नय्या थीम पार्क बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा कि वह धन मुहैया कराएंगे, लेकिन कुछ नहीं दिया.

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 कांग्रेस नेता हरिप्रसाद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ टिप्पणी की है
कांग्रेस नेता हरिप्रसाद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ टिप्पणी की है

कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर तंज कसा है. कर्नाटक कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज हरिप्रसाद ने कहा कि मैं ये बात अच्छी तरह से जानता हूं कि 'सीएम कैसे बनाना है और कैसे गिराना है.'

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एक सभा में बोलते हुए हरिप्रसाद ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाने का श्रेय लिया. उन्होंने देश भर के विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति में अपनी भागीदारी के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि मैंने भूपेश बघेल का नाम आगे बढ़ाया और उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया. इसका मतलब ये है कि मैं सीएम बनाना भी जानता हूं और गिराना भी जानता हूं. मुझे किसी से भीख मांगने की जरूरत नहीं है.

हरिप्रसाद ने सिद्धारमैया द्वारा किए गए अधूरे वादों पर निराशा व्यक्त की. विशेष रूप से उडुपी जिले में कोटि चेन्नय्या थीम पार्क के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में उन्होंने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मैंने सिद्धारमैया से केवल एक चीज मांगी थी, मैंने करकला में कोटि चेन्नय्या थीम पार्क बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा कि वह धन मुहैया कराएंगे, लेकिन कुछ नहीं दिया.

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रिपोर्टों में कहा गया था कि मई में कैबिनेट गठन के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कड़े विरोध के कारण हरिप्रसाद को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया था. हालांकि सिद्धारमैया ने अभी तक हरिप्रसाद के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है. वहीं, कांग्रेस नेता के बयान के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसे "व्यक्तिगत राय" बताया. 

एजेंसी के मुताबिक जी परमेश्वर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में बात की है. कभी-कभी नेता निजी राय व्यक्त करते हैं. वहीं, मंत्री डी सुधाकर ने कहा कि वह (हरिप्रसाद) एक वरिष्ठ नेता हैं, पार्टी में कोई असंतोष नहीं है. हो सकता है कि उन्होंने निजी राय साझा की हो. इस मामले को आलाकमान देखेगा.

(रिपोर्ट -अनाघा)

 

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