Who is K. S. Eshwarappa: कर्नाटक सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा चर्चा में आ गए हैं. उनके ऊपर ठेकेदार संतोष पाटिल को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगा है. इस मामले में ईश्वरप्पा के खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली गई है. ये FIR ठेकेदार संतोष के भाई प्रशांत की शिकायत पर हुई है.
संतोष पाटिल सोमवार को उडुपी में मृत मिले थे. इससे कुछ देर पहले ही उन्होंने अपने एक दोस्त को मैसेज भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था. बताया जा रहा है कि मौत से कुछ दिन पहले संतोष पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ईश्वरप्पा उनसे काम के बदले 40 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं. हालांकि, मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया था.
केएस ईश्वरप्पा की गिनती कर्नाटक में बीजेपी से बड़े नेताओं में होती है. ईश्वरप्पा अभी कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री हैं. ईश्वरप्पा वही नेता हैं, जिन्होंने पिछले साल कर्नाटक के तब के सीएम बीएस येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उन्होंने आलाकमान से येदियुरप्पा को हटाने की मांग भी की थी और कहा था कि अगर येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहे तो अगला चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. इसके बाद ईश्वरप्पा के साथ बाकी और विधायक भी जुड़ गए और आखिरकार येदियुरप्पा को हटना पड़ा.
एक साल पहले भ्रष्टाचार पर येदियुरप्पा को घेरने वाले ईश्वरप्पा अब खुद कमीशन मांगने के आरोपों और ठेकेदार की सुसाइड के मामले में घिर गए हैं. शिमोगा जिले से आने वाले ईश्वरप्पा कर्नाटक में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं और कर्नाटक के डिप्टी सीएम तक रह चुके हैं.
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गरीब परिवार में जन्मे थे ईश्वरप्पा
ईश्वरप्पा का जन्म 10 जून 1948 को बेल्लारी जिले में हुआ था. 1950 के दशक में उनका परिवार बेल्लारी से शिमोगा आ गया. उनके पिता एक मंडी में दिहाड़ी मजदूरी का काम किया करते थे. परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए ईश्वरप्पा ने भी काम में हाथ बंटाना शुरू किया, जिसका उनकी मां ने विरोध किया. उनकी मां ने उन्हें काम की बजाय पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा.
छात्र जीवन में ईश्वरप्पा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए. शिमोगा में कॉलेज की पढ़ाई करते हुए वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में एक्टिव रहे. ग्रेजुएशन करने के बाद ईश्वरप्पा ने अपना खुद का कारोबार भी शुरू किया.
इमरजेंसी में जेल भी गए
25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक देश में आपातकाल लागू रहा. इस दौरान ईश्वरप्पा जेल भी गए. इमरजेंसी खत्म होने के बाद जब उन्हें रिहा किया गया तो वो राजनीति में आ गए. 1982 में बीजेपी ने उन्हें शिमोगा का जिला अध्यक्ष बनाया.
1989 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें शिमोगा से उतारा. इस चुनाव में उन्होंने तब के स्वास्थ्य मंत्री एचएस श्रीनिवास को 1,304 वोटों से हराया और पहली बार विधानसभा पहुंचे. 1992 में बीजेपी ने उन्हें कर्नाटक का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया.
5 बार के विधायक, डिप्टी सीएम भी रहे
ईश्वरप्पा शिमोगा से 5 बार के विधायक हैं. 2006-07 में जब कर्नाटक में बीजेपी और जनता दल (सेक्युलर) की साझा सरकार बनी, तो उन्हें मंत्री बनाया गया. फिर 2008 में राज्य में बीजेपी की जीत के बाद बीएस येदियुरप्पा की सरकार में बिजली मंत्री बनाए गए. इसके बाद 2012 से 2013 में जगदीश शेट्टार की सरकार में डिप्टी सीएम बने.
2013 के विधानसभा चुनाव में ईश्वरप्पा हार गए. 2014 में बीजेपी ने उन्हें विधान परिषद भेजा. 2018 में ईश्वरप्पा ने फिर शिमोगा से चुनाव लड़ा और इस बार जीत हासिल की. जुलाई 2019 में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी सत्ता में आ गई. इस सरकार में ईश्वरप्पा पहले राज्य मंत्री बने और बाद में कैबिनेट मंत्री बनाए गए.