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कर्नाटक में फिर उठा कमीशन का मुद्दा, कॉन्ट्रैक्टर ने PM मोदी से की शिकायत- 40% रिश्वत मांगी जा रही

कर्नाटक में एक बार फिर कॉन्ट्रैक्टर से कमीशन मांगने का मामला सामने आया है. इससे पहले यहां एक अन्य ठेकेदार संतोष ने कमीशन मांगने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने सुसाइड से पहले कई बार राज्य सरकार में तत्कालीन मंत्री ईश्वरप्पा को भ्रष्ट बताया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नाटक के कोप्पल का मामला
  • ठेकेदार ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

कर्नाटक में कमीशन का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. दरअसल, यहां एक कॉन्ट्रैक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर RDPR के अधिकारियों द्वारा कमीशन और रिश्वत मांगने की शिकायत की है. कॉन्ट्रैक्टर ने आरोप लगाया है कि उससे काम के बदले में करीब 40% रिश्वत मांगी गई है. इससे पहले कर्नाटक में एक अन्य ठेकेदार संतोष पाटिल ने तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री (RDPR) ईश्वरप्पा पर कमीशन के आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली थी. 

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अब कोप्पल के ठेकेदार यरीस्वामी ने आरोप लगाया है कि RDPR के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और जूनियर इंजीनियर उससे 30-40% कमीशन की मांग कर रहे हैं. ऐसे में वह अपना काम नहीं कर पा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुल काम 15 लाख रुपए का है. इसमें विभाग के इंजीनियर और ऑफिसर 40% रिश्वत की मांग कर रहे हैं. 

यरीस्वामी ने बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट डिस्पोजल यूनिट लगवाई गई थी. मैंने इसके लिए सामग्री की आपूर्ति की थी. इसके लिए उन्हें 4 लाख का भुगतान किया गया. इसके बाद विभाग की ओर से कहा गया कि वे काम पूरा करें, उन्हें किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा. बाद में उन्होंने कहा कि आपको कमीशन देना होगा. 

ठेकेदार संतोष ने कर ली थी आत्महत्या

इससे पहले कर्नाटक में एक ठेकेदार संतोष ने आत्महत्या कर ली थी. कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने सुसाइड से पहले कई बार राज्य सरकार में तत्कालीन मंत्री ईश्वरप्पा को भ्रष्ट बताया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था.

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ईश्वरप्पा बसवराज बोम्मई की सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री (RDPR) थे. उनपर कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने घूस मांगने का आरोप लगाया था. कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनके काम की बकाया राशि देने के बदले 40 फीसदी कमीशन की मांग कर रहे हैं. हालांकि, विवाद बढ़ने पर ईश्वरप्पा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, इसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 

 

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