कर्नाटक में अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने एक बार कमल खिलाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. 20 अप्रैल को नामांकन की तारीख खत्म होते ही बीजेपी आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू करेगी. इसकी शुरुआत पीएम मोदी की रैली के साथ होगी.
पीएम मोदी कर्नाटक चुनाव में 20 से 25 रैली कर सकते हैं, जिसका शेड्यूल फाइनल किया जा रहा है. बीजेपी अपने नारों को कर्नाटक में घर-घर पहुंचाने में पिछले दो महीनों से लगी हुई है. सूत्रों की मानें तो चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है.
कर्नाटक में गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी के अलावा सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान, प्रमोद सावंत, देवेंद्र फडणवीस, कन्नड फिल्म स्टार किच्छा सुदीप, मनोज तिवारी समेत कई दिग्गज हस्तियां चुनाव प्रचार करेंगी.
बीजेपी कर्नाटक का चुनाव मुख्य रूप से मोदी के चेहरे और विकास के मुद्दे पर लड़ेगी, लेकिन हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे. बीजेपी का कहना है कि सिद्धारमैया की सरकार में 23 हिंदू मारे गए थे. बीजेपी का मानना है कि सिद्धारमैया की छवि हिंदू विरोधी की है और उसे इस चुनाव में भुनाना है. बीजेपी इसी तरह पीएफआई पर पाबंदी, टीपू सुल्तान, गोतस्करों पर नकेल कसना और हिजाब के मुद्दे को अपनी चुनावी रणनीति में रखेगी.
कर्नाटक की अस्मिता की चर्चा होगी और तुष्टिकरण पर हमला किया जाएगा. बीजेपी के चुनाव पोस्टरों पर पीएम मोदी और कमल रहेगा. वहीं कुछ पोस्टरों में पीएम मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा, सीएम बसवराज बोम्मई और प्रदेश अध्यक्ष नलिन कतील के फोटो भी होंगे.
पीएम मोदी पिछले चार महीनों में 7 बार कर्नाटक में सरकारी कार्यक्रमो में आचार संहिता लगने से पहले और एक बार बाद में गए हैं. जेपी नड्डा ने चार महीनों में छह दौरे किए हैं और 10 दिन रहकर रैलियों के साथ-साथ संगठन की कई बैठकें कर चुके हैं.
बीजेपी माइक्रो मैनेजमेंट में भी जुटी
बीजेपी कर्नाटक के 50 हजार बूथों में से 48 हजार बूथों तक पहुंच गई है. बीजेपी ने 'भाजपा ही भरोसा' और 'भरोसा यानी बीजेपी' अभियान चलाया है. बीजेपी ने बूथ विजय संकल्प गांव-गांव तक पहुंचाया, बीजेपी का झंडा, पोस्टर, मोदी सरकार, बोम्मई सरकार के काम का प्रचार किया गया. बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस का माइक्रो लेवल पर मैनेजमेंट कमजोर है, इसलिए बीजेपी कार्यकर्ताओं की टोली के जरिए बूथ स्तर तक प्रचार कर रही है.
बीजेपी के पास पीएम मोदी जैसा चुनावी चेहरा और गृह मंत्री अमित शाह जैसा चुनावी चाणक्य है. बीजेपी इस चुनाव में भी इसका फायदा उठाने में पीछे नहीं रहेगी. इसलिए पीएम मोदी ने बेलगाम में 10 किलोमीटर लंबा और मांड्या में दो किलोमीटर लंबा रोड शो किया, ये दोनों जेडीएस के गढ़ हैं.
बोम्मई सरकार का आरक्षण को लेकर फैसला
चुनावी रणनीति के तहत जातिगत समीकरणों और वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए बोम्मई सरकार ने आरक्षण संबंधित कई फैसले लिए. जैसे अनुसूचित जाति का आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया. अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 3 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया गया. सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती अभियान चलाया गया. यहां तक कि कर्नाटक कैबिनेट में जातिगत समीकरणों को साधा गया. राज्य में वोक्कालिंगा समाज से 6 मंत्री हैं और केंद्र में भी एक मंत्री बनाया गया है.
बागियों ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन
हालांकि ये बात किसी से छिपी नहीं हैं कि टिकटों के ऐलान के बाद से बीजेपी में नाराजगी और बगावत बढ़ने से बीजेपी हाईकमान का सरदर्द बढ़ता ही जा रहा है. कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी टिकट कटने से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए. लक्ष्मण सावदी कांग्रेस के टिकट पर अथानी से चुनाव लड़ेंगे. कर्नाटक बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम रहे लक्ष्मण सावदी ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली. लक्ष्मण सावदी को कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पार्टी में शामिल कराया था. लक्ष्मण सावदी टिकट कटने से नाराज सावदी ने एमएलसी और बीजेपी की मेंबरशिप से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.
कर्नाटक बीजेपी में लक्ष्मण सावदी अकेले नहीं हैं, जो उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद बागी हो गए. दो नेताओ ने चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है. पार्टी के सीनियर नेता के. ईश्वरप्पा ने पहली लिस्ट आने से पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी थी. इसके अलावा टिकट कटने के बाद तीन विधायक एमपी कुमारस्वामी, नेहरू ओलेकर और गोलीहट्टी शेखर ने पार्टी छोड़ दी.
तीन बार के विधायक कुमारस्वामी को मुदिगेरे सीट से टिकट नहीं दिया गया. कुमारस्वामी की जगह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को टिकट मिला. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि दलित नेता कुमारस्वामी जेडीएस में शामिल हों सकते हैं. हावेरी से विधायक नेहरू ओलेकर ने भी पार्टी छोड़ दी. उन्होंने हाल ही में हावेरी में शुरू की गई 1500 करोड़ रुपये की ड्रिप सिंचाई परियोजना में बोम्मई पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था. मौजूदा विधायक गोलीहट्टी शेखर ने टिकट कटने के बाद होसदुर्गा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
बीजेपी एमएलसी आर शंकर ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया. आर शंकर को हावेरी जिले की रानीबेन्नूर सीट से टिकट नहीं दिया गया था. येदुयुरप्पा के करीबी गुरू पाटील ने शाहापुर से टिकट कटने के बाद बीजेपी छोडने का ऐलान किया है. गुरु पाटिल जेडीएस के संपर्क में हैं और जल्दी ही जेडीएस में शामिल हों सकते हैं. अनिल बेनके बेलगावी नार्थ से टिकट कटने से नाराज है और मराठा समाज से आते हैं.
जगदीश शेट्टार ने दिया सबसे बड़ा झटका
यदि इस चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका किसी ने दिया है तो वो पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के बड़े नेता जगदीश शेट्टार ने. पार्टी हाईकमान ने गुजरात की तर्ज पर के एस ईश्वरप्पा और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार का टिकट काटने का फैसला किया और इनसे कहा कि खुद ही पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अपने को चुनावी राजनीति से दूर करने का ऐलान करें ताकि संदेश जाए कि इन्होंने चुनाव ना लड़ने का फैसला उन्होंने ही लिया है. केएस ईश्वरप्पा ने तो पत्र लिख दिया पर जगदीश शेट्टार अड़ गए. उन्होंने हाईकमान पत्र लिखने से इनकार किया और कहा कि वो हर हाल में चुनाव लडेंगे.
पार्टी हाईकमान ने उनको मनाने के लिए कर्नाटक बीजेपी के सबसे बड़े नेता येदियुरप्पा को लगाया. शेट्टार लिंगायत नेता हैं और येदियुरप्पा के करीबी हैं. येदियुरप्पा ने जगदीश शेट्टार के पक्ष में बयान भी दिया कि उम्मीद है कि उन्हें 99 फीसदी टिकट मिलेगा. जगदीश शेट्टार के बगावती तेवर के बाद पार्टी ने उनको दिल्ली बुलाया, जहां पहले उनकी जेपी नड्डा के साथ चर्चा हुई. बैठक के बाद जगदीश शेट्टार ने कहा कि उन्होंने अपनी बात आलाकमान को बता दी है वो चुनाव लड़ेंगे पार्टी में लेकिन बात नहीं बनी और आखिरकार जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए. वे अपनी ही सीट हुबली धारवाड़ सेंट्रल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
टिकटों के एलान के बाद से पूरे कर्नाटक चुनाव की तस्वीर बदल गई इतना साफ हो गया है कि दल बदलने के बाद चुनाव नतीजों तक कौन नेता कहां है क्योंकि चुनावी राजनीति में असली खेल तो चुनाव नतीजों के बाद शुरू होता है.