कर्नाटक (Karnataka) के मैसूर में MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) के दफ्तर पर ईडी ने छापा मारा है. भूमि आवंटन मामले के सिलसिले में ईडी के 12 अधिकारियों की टीम शुक्रवार को ऑफिस पर रेड के लिए पहुंची. इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का भी नाम शामिल है. ईडी के ऑफिसर्स ने कमिश्नर एएन रघुनंदन सहित सीनियर MUDA अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद अधिकारियों द्वारा मामले से संबंधित डॉक्यूमेंट्स जब्त किए जाने की संभावना है. जांच एजेंसी, भूमि आवंटन मामले में MUDA अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए सभी उनसे पूछताछ करेगी.
यह घटनाक्रम सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी माने जाने वाले के. मारीगौड़ा द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए MUDA के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद हुआ है.
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए मैरीगौड़ा ने उन दावों को खारिज कर दिया कि उन्होंने राजनीतिक दबाव की वजह से ऐसा किया है. हालांकि, मैरीगौड़ा ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निर्देश पर इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मुख्यमंत्री ने मुझे इस्तीफा देने का निर्देश दिया और उनके निर्देशों का पालन करते हुए मैंने ऐसा किया."
मैरीगौड़ा ने बताया कि मुझ पर इस्तीफा देने का कोई दबाव नहीं था. मेरा स्वास्थ्य वास्तव में ठीक नहीं है, इसलिए मैं स्वेच्छा से पद छोड़ रहा हूं. मैं मुख्यमंत्री को 40 साल से ज्यादा वक्त से जानता हूं. उन्होंने मुझे जिला अध्यक्ष नियुक्त किया और मुझे कभी कोई अवैध काम करने के लिए नहीं कहा. मैं व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं, मुझे दो स्ट्रोक आ चुके हैं और मैं आगे नहीं बढ़ सकता.
यह भी पढ़ें: 'CM के निर्देश पर छोड़ रहा हूं पद', सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के बीच MUDA चीफ का इस्तीफा
विपक्ष ने की CM के इस्तीफे की मांग
विपक्ष ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है, क्योंकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के राज्यपाल के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.
मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला उन आरोपों से संबंधित है, जिनमें कहा गया है कि मैसूर के एक महंगे इलाके में उनकी पत्नी बीएम पार्वती को मुआवजा देने के लिए भूखंड आवंटित किए गए थे, जिसका संपत्ति मूल्य MUDA द्वारा अधिग्रहित उनकी भूमि के स्थान की तुलना में ज्यादा था.
MUDA ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले में 50:50 अनुपात स्कीम के तहत प्लॉट आवंटित किए थे, जहां MUDA ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था. हालांकि, कार्यकर्ताओं का तर्क है कि मुआवजे के रूप में उनकी पत्नी को आवंटित की गई जमीन का संपत्ति मूल्य MUDA द्वारा अधिग्रहित उनकी भूमि के स्थान की तुलना में ज्यादा था.