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Halal meat row: पांच साल में भारत ने निर्यात किया सवा लाख करोड़ का मीट, दुनिया में है दूसरा नंबर

Halal Meat Row: भारत में एक बार फिर हलाल और झटका मीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. ये विवाद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनियाभर में सबसे ज्यादा मीट बेचने वाला भारत दूसरा देश है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 5 साल में भारत ने सवा लाख करोड़ का मांस निर्यात किया है.

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भारत सबसे ज्यादा भैंस का मांस निर्यात करता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारत सबसे ज्यादा भैंस का मांस निर्यात करता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्टेट ऑफ द ग्लोबल इस्लामिक इकोनॉमी की रिपोर्ट
  • बीफ पर बैन, निर्यात का 90 फीसदी मांस भैंस का
  • हॉन्गकॉन्ग, वियतनाम, मलेशिया, इजिप्ट बड़े आयातक

Halal Meat Row: भारत में एक बार फिर हलाल मीट को लेकर बहस शुरू हो गई है. बहस की शुरुआत कर्नाटक में हुई. कर्नाटक में पिछले एक हफ्ते से हलाल मीट को लेकर जमकर राजनीति हो रही है.  

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इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कुछ हिंदू संगठनों ने हिंदुओं से 'होसातोड़ाकु' के दिन हलाल मीट न खरीदने की अपील की. होसातोड़ाकु का मतलब है नए साल की शुरुआत. 

इसी बीच बीजेपी के महासचिव सीटी रवि ने हलाल फूड को 'आर्थिक जेहाद' तक बता दिया. उन्होंने कहा कि हलाल आर्थिक जेहाद है. इसका मतलब एक ऐसे जेहाद से है जिसमें मुस्लिम दूसरों से कारोबार नहीं करना चाहते. जब वो सोचते हैं कि हलाल मीट खाना चाहिए तो ये कहने में क्या गलत है कि हलाल मीट नहीं खाना चाहिए?

सीटी रवि ने आगे कहा कि उनके भगवान को जो हलाल मीट चढ़ाया जाता है, वो उन्हें (मुस्लिम) पसंद होता है, लेकिन हमारे लिए तो वो किसी का बचा हुआ है. जब मुस्लिम, हिंदुओं से मीट खरीदने को तैयार नहीं हैं तो हिंदुओं को क्यों उनसे खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.

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सीटी रवि के बयान के अगले ही दिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हलाल मीट को लेकर जो भी आपत्तियां सामने आई हैं, वो काफी गंभीर हैं और हम इस पर नजर बनाए हुए हैं.

इस पूरे विवाद में आग में घी डालने का काम सरकारी आदेश ने किया. कर्नाटक पशुपालन विभाग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) को 1 अप्रैल को एक चिट्ठी लिखी. इसमें लिखा गया कि शहर में जितने भी बूचड़खाने और मुर्गे की दुकानें हैं, वहां जानवरों को बिजली का करंट देने की व्यवस्था होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें-- Halal Meat Row: वो आदेश जिसके बाद छिड़ गया हलाल और झटका पर संग्राम, आमने-सामने BJP-कांग्रेस

हलाल मीट को लेकर विवाद नया नहीं

भारत में ये पहली बार नहीं है जब हलाल मीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पिछले साल भी इस पर विवाद तब शुरू हो गया था, जब सरकार ने रेड मीट के मैनुअल से 'हलाल' शब्द हटा दिया था. 

पिछले साल जनवरी में मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अधीन आने वाले एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) ने रेड मीट मैनुअल से 'हलाल' शब्द हटाकर 'जानवरों को आयात करने वाले देशों के नियमों से काटा गया है' लिख दिया था. सरकार के इस फैसले पर भी जमकर विवाद हुआ था. मुस्लिम संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई थी.

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हलाल मीट को लेकर पिछले साल नवंबर में उस समय भी विवाद हो गया था, जब न्यूजीलैंड सीरीज के दौरान BCCI ने अपने खिलाड़ियों को सलाह दी थी कि उन्हें सिर्फ हलाल मीट ही खाना चाहिए. 

मीट के निर्यात में भारत दूसरे नंबर पर

'स्टेट ऑफ द ग्लोबल इस्लामिक इकोनॉमी रिपोर्ट 2020-21' के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा हलाल मीट का निर्यात ब्राजील करता है. दूसरे नंबर पर भारत है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में ब्राजील ने 16.2 अरब डॉलर का हलाल मीट एक्सपोर्ट किया था. वहीं, भारत ने 14.2 अरब डॉलर का हलाल फूड निर्यात किया था. 

भारत सरकार के अपने कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं है, जिसमें बताया गया हो कि सरकार ने कितना हलाल मीट एक्सपोर्ट किया और कितना झटका मीट. सरकार ऐसा कोई सर्टिफिकेट भी नहीं देती जिससे पता चले कि ये मांस हलाल का है या झटके का. 

APEDA की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से दुनियाभर के 70 से ज्यादा देशों में मीट और एनिमल प्रोडक्ट्स निर्यात किया जाता है. रिपोर्ट बताती है कि देश में 111 यूनिट ऐसी हैं जहां तय मानकों और गाइडलाइंस से जानवरों को काटा जाता है और यहीं से मीट को एक्सपोर्ट किया जाता है. 

कितना मांस बाहर भेजता है भारत?

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APEDA के मुताबिक, देश में 10 करोड़ से ज्यादा भैंस, 15 करोड़ बकरियां और 7.5 करोड़ भेड़ हैं. इन्हीं का मांस दूसरे देशों में भेजा जाता है. सरकार ने गाय के मांस (बीफ) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. 

दुनिया में सबसे ज्यादा डिमांड भैंस के मांस की होती है. भारत में भी सबसे ज्यादा मांस भैंस का ही किया जाता है. APEDA के आंकड़े बताते हैं कि जितना भी मांस निर्यात किया जाता है, उसमें से 90 फीसदी मांस भैंस का होता है.

भारत ने 2020-21 में दुनियाभर में 10.86 लाख मीट्रिक टन भैंस का मांस निर्यात किया. इसकी कुल कीमत 23,460 करोड़ रुपये थी. जिन देशों में सबसे ज्यादा भैंस का मांस निर्यात किया गया, उनमें हॉन्गकॉन्ग, वियतनाम, मलेशिया, इजिप्ट और इंडोनेशिया शामिल हैं.

हलाल-झटके पर विवाद क्यों?

हलाल एक अरबी शब्द है, जिसे इस्लामिक कानून के हिसाब से परिभाषित किया गया है. हलाल को इस्लाम में अनुमति है. किसी भी जानवर को हलाल करने से पहले आयतें पढ़ी जाती हैं, जिसे तस्मिया या शाहदा कहा जाता है. हलाल में जानवर के सांस लेने वाली नली को धीरे-धीरे काटा जाता है. इससे जानवर का सारा खून बह जाता है और उसकी मौत हो जाती है.

वहीं, झटका में जानवर को एक झटके में मार दिया जाता है. इस प्रक्रिया में जानवर को पहले बेहोश किया जाता है, फिर उसकी गर्दन पर झटके से वार किया जाता है. इससे उसका सिर और धड़ अलग हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है.

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