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अमेजन-फ्लिपकार्ट को झटका, कर्नाटक HC ने खारिज की जांच को रोकने की याचिका

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर दोनों प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए थे. अमेजन और फ्लिपकार्ट ने हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के समक्ष अलग-अलग याचिका दायर की थी.

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कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हाई कोर्ट की एकल पीठ ने जांच शुरू करने का आदेश दिया था
  • CCI को प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रैक्टिस की जांच का आदेश
  • उल्लंघन नहीं किया तो शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए-HC

कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज शुक्रवार को ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट की ओर से हाई कोर्ट की एकल पीठ के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया है, जिसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को उनकी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रैक्टिस की शुरुआती जांच करने की अनुमति दी थी.

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कर्नाटक HC की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि इस कोर्ट की राय में इस स्तर पर जांच को किसी भी तरह से दबाया नहीं जा सकता है. यदि अपीलकर्ता 2002 के अधिनियम के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन में शामिल नहीं हैं, तो उन्हें सीसीआई द्वारा जांच का सामना करने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए.

अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट कंपनी ने कर्नाटक हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष सीसीआई की ओर से जांच फिर से शुरू किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी.

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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर दोनों प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए थे. अमेजन और फ्लिपकार्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के समक्ष अलग-अलग याचिका दायर की गई थी.

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फ्लिपकार्ट की ओर से दाखिल याचिका में 11 जून के कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने का अनुरोध किया गया था.

 

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