कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच पर 3 मार्च तक अंतरिम रोक लगा दी है. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. इससे पहले सीबीआई के वकील ने हाईकोर्ट में एक जांच प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद सुनवाई 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सीबीआई ने अंतरिम रोक आदेश को संशोधित करने और एजेंसी को कांग्रेस नेता की जांच करने की अनुमति देने का अनुरोध किया. हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इसकी अनुमति नहीं दी और आदेश दिया कि यथास्थिति अगली सुनवाई (3 मार्च) तक जारी रहेगी. बताते चलें कि 10 फरवरी को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया था, जिसमें सीबीआई को 24 फरवरी तक जांच और समन जारी नहीं करने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने सीबीआई को 24 फरवरी को जांच प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का नोटिस भी जारी किया था.
'चुनाव से पहले टारगेट बनाने का आरोप'
इससे पहले डीके शिवकुमार, उनकी पत्नी और बेटी का मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सीबीआई द्वारा डीके शिवकुमार और उनके परिवार के खिलाफ कई नोटिस जारी किए गए हैं. डीके शिवकुमार के वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. जस्टिस के नटराजन ने 2020 से 2023 तक मामले की प्रगति पर सीबीआई से सवाल किया है.
क्या है मामला
डीके शिवकुमार के खिलाफ 3 अक्टूबर 2020 को एक FIR दर्ज की की गई थी. FIR में बताया गया था कि डीके शिवकुमार की संपत्ति 2013 से 2018 तक असमान रूप से बढ़ी. उन पर आरोप लगाया गया था कि डीके शिवकुमार ने भ्रष्टाचार के माध्यम से 74.93 करोड़ रुपये कमाए. इसके बाद राज्य की बीजेपी सरकार ने भी जांच के आदेश दिए थे.
2013 में डीके शिवकुमार ने 33.92 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. 2018 में डीके शिवकुमार ने ऐलान किया था कि उनकी संपत्ति बढ़कर 162.53 करोड़ हो गई है. उनकी संपत्ति में 44% का इजाफा हुआ है. भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत FIR दर्जकर आयकर विभाग ने इस पर सीबीआई जांच की सिफारिश की.