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हिजाब की मांग या सियासत की 'टूल किट', राजनीतिक रंग में रंग चुका है कर्नाटक से उठा विवाद

हिजाब पहनने की लड़ाई अब धार्मिक रंग ले चुकी है. हिजाब की मांग में अल्लाह हू अकबर का नारा भी है. हिजाब की लड़ाई में जय श्री राम के नारे लगाती छात्रों की भीड़ भी है.

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फोटो साभारः PTI
फोटो साभारः PTI
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिजाब को लेकर मचा यह पूरा बवाल कर्नाटक से शुरू हुआ है
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है हिजाब मामले की चर्चा

कर्नाटक में स्कूल कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं की हिजाब पहनकर आने की मांग पर छिड़ा एक महीना पुराना विवाद अब सिर्फ हिजाब के लिए नहीं रह गया है. हिजाब की पहनने की ये लड़ाई अब हिंदू बनाम मुस्लिम बन चुकी है. हिजाब की मांग में अल्लाह-हू-अकबर का नारा भी है. हिजाब की लड़ाई में जय श्री राम के नारे लगाती छात्रों की भीड़ भी है. हिजाब उत्तर प्रदेश से लेकर पाकिस्तान तक वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर अल जजीरा तक खबरों में बना हुआ है.

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एक कॉलेज के मामले में अब पूरी सरकार के खिलाफ आंदोलन होने लगा है. कॉलेज प्रबंधन के फैसले के खिलाफ एक विरोध और सरकार के खिलाफ सिस्टेमेटिक विरोध में फर्क होता है. आखिरकार हिजाब की मांग वाकई सही है या यह एक सियासत का टूल किट बनता जा रहा है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब

कब और कैसे हुई विवाद की शुरुआत

इस विवाद की शुरुआत तब शुरू हुई, जब गवर्मेंट महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया. छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाईकोर्ट में इसके खिलाफ दायर कर दी. छात्राओं ने इस फैसले के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा था. हालांकि महात्मा गांधी कॉलेज में छात्रों के आमने-सामने आने के बाद अब शांति है. क्योंकि हिजाब की लड़ाई के बाद स्कूल और कॉलेज तीन दिन के लिए बंद हैं. 

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पूरे देश में हो रहे हैं प्रदर्शन

हिजाब का मुद्दा बेशक कर्नाटक से शुरू हुआ हो, लेकिन इसकी आंच पूरे देश में देखने को मिल रही है. हैदराबाद और महाराष्ट्र में इस मामले पर प्रदर्शन हुआ. तो वहीं मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को हिजाब पर रोक की बात कही. हालांकि वह बुधवार को बयान से पलट गए. इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हिजाब के समर्थन में रैली निकाली गई.

ये भी पढ़ेंः- कर्नाटक से कोलकाता पहुंचा ह‍िजाब व‍िवाद, छात्रों का सड़क पर उतरकर प्रदर्शन

हिजाब मामले पर राजनीति भी जोरों पर है एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हिजाब और बुर्का पर तो हमारा राइट नहीं है. हमारा फंडामेंटल राइट संविधान पर है. आगे कहा कि, मैं क्या पहनता हूं और क्या खाता हूं, किसी को झांकने की उसमें जरूरत नहीं है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

क्या पहनना है यह फैसला करना महिलाओं का अधिकार-  प्रियंका गांधी
 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह फैसला करना महिलाओं का अधिकार है कि उन्हें क्या पहनना है तथा पहनावे को लेकर उत्पीड़न बंद होना चाहिए. उन्होंने "लड़की हूं, लड़ सकती हूं" हैशटैग से ट्वीट किया, "चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब हो, यह फैसला करने का अधिकार महिलाओं का है कि उन्हें क्या पहनना है. प्रियंका गांधी ने कहा कि इस अधिकार की गारंटी भारतीय संविधान ने दी है. महिलाओं का उत्पीड़न बंद करो. 

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हिजाब का मुद्दा वोटों के ध्रुवीकरण के लिए है-खड़गे

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा वोटों के जानबूझकर ध्रुवीकरण और हिंदू-मुस्लिम के बीच लड़ाई भड़काने के लिए किया जा रहा है. क्योंकि इसके पीछे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से राजनीतिक दल हैं. अनुशासन के अनुसार कोई काम नहीं करता है तो अनुदान रद्द किया जाए.

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देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत आम बात - उमर अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत आम बात हो गयी है और अब विविधता का सम्मान नहीं रह गया है. अब्दुल्ला सोशल मीडिया में आए एक वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे. वीडियो में कुछ पुरुषों को कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनी एक महिला के साथ ‘बसलूकी’ करते देखा जा सकता है. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है, कितने बहादुर हैं ये पुरुष और एक अकेली लड़की को निशाना बनाते हुए उन्हें कैसे पुरुषार्थ का अनुभव हो रहा है. मुसलमानों के लिए नफरत आज भारत की मुख्यधारा में है और सामान्य बात हो गयी है. उन्होंने कहा कि अब हम वह देश नहीं रह गए हैं जिसे अपनी विविधता पर गर्व था, हम लोगों को इसकी (विविधता) सजा देना चाहते हैं और उन्हें इससे बाहर निकालना चाहते हैं.

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बीजेपी को उम्मीद है यूपी चुनाव में ध्रुवीकरण में मदद मिलेगी- महबूबा मुफ्ती
 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अलग नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया कि दिन-दहाड़े एक मुसलमान महिला को बिना किसी डर के प्रताड़ित कर रहे गुंडों को देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें सत्ता में मौजूद लोगों का संरक्षण प्राप्त है. ऐसी घटनाओं को अलग नहीं देखा जा सकता है, जैसा भाजपा आशा कर रही है कि उससे उत्तर प्रदेश चुनाव में ध्रुवीकरण में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ेंः- Hijab Row: इन देशों में हिजाब पहनने पर बैन है, लिस्ट में मुस्लिम मुल्क भी शामिल!

हिजाब पर मलाला ने भी किया ट्वीट

पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मलाला ने ट्वीट किया, 'हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं पर हमला किया जाता है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिये पर जाने से रोकना चाहिए.' मलाला ही नहीं पाकिस्‍तान से बड़ी संख्‍या में ट्वीट हिजाब को लेकर किए जा रहे हैं. मानवाधिकार को कुचलने वाले पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने लिखा- मोदी के भारत में जो कुछ चल रहा है, वो डरावना है.

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हाईकोर्ट पहुंचा हिजाब मामला

हिजाब विवाद पर सुनवाई कर रही कर्नाटक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अब तक मामले की सुनवाई जज कृष्णा दीक्षित की सिंगल बेंच कर रही थी. अब यह मामला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को सौंप दिया गया है. इस बीच बेंगलुरु में स्कूल, कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों के 200 मीटर के दायरे में लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है. अब कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई में बड़ी बेंच ये तय करेगी कि क्या स्कूल-कॉलेज किसी मुस्लिम छात्रा को हिजाब पहनकर आने से रोक सकते हैं या नहीं?

 

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