कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Row) धीरे-धीरे देशभर में फैलता नजर आ रहा है. इस बीच उडुपी के ही कॉलेज की एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के अधिकारी महिलाओं को माथे पर कुमकुम लगाकर कैंपस के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. वे इसे मिटाने के लिए कह रहे हैं. छात्रों को यह कहते हुए सुना गया कि यह उनकी संस्कृति है. पुलिस ने भी मामले को सुलझाने का प्रयास किया.
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज की क्लास में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी इसे पहनकर आई थीं. उस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया.
इस मामले में आज तक से बात करते हुए उडुपी गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा ने कहा था कि विवाद पिछले साल 27 दिसंबर के बाद शुरू हुआ और इसे भड़काने के पीछे कुछ छात्र संगठनों का हाथ है. उन्होंने यहां तक कहा कि अब देखकर लगता ही नहीं है कि वो छात्राएं उन्हीं के कॉलेज की हैं. प्रिंसिपल से पूछा गया कि 31 दिसंबर को क्या कुछ छात्राओं ने उनसे हिजाब पहनकर आने की इजाजत मांगी थी. इसपर प्रिंसिपल ने बताया कि हां ऐसा हुआ था और उन्होंने छात्राओं को बता दिया था कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है और उनका जवाब ना आने तक बिना हिजाब के आना होगा.
कर्नाटक हाईकोर्ट में राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार सुनवाई चल रही है. गुरुवार को 3 जजों की बेंच ने हिजाब मामले में तकरीबन एक घंटा सुनवाई की. अब अदालत में शुक्रवार यानी आज सुनवाई होनी है.