कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होली के बाद सुनवाई होगी. दरअसल, हिजाब बैन पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई सोमवार को किए जाने की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि होली की छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई करेंगे.
छात्राओं ने याचिका में दलील दी है कि संविधान के आर्टिकल 19(1)(a) के तहत हिजाब पहनना उनका अधिकार है. आर्टिकल 19(1)(a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील संजय हेगड़े ने कहा, कई ऐसी छात्राएं हैं, जिन्हें परीक्षा देनी है. इसलिए मामले पर सोमवार को सुनवाई होनी चाहिए. सीजेआई ने सोमवार को सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि हम बाद में सुनवाई के लिए तारीख देंगे.
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं लड़कियां
कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी की लड़कियों ने याचिका दायर कर स्कूलों में हिजाब पहनने की इजाजत की मांग की थी. हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को चुनौती देने वालीं याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने कहा कि छात्र स्कूल ड्रेस पहनने से इनकार नहीं कर सकते.
क्या है हिजाब विवाद?
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी. यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज गई थीं. कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना कर दिया. इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था. इसके विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ. स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए.
ऐसे में कुछ छात्राओं ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. मंगलवार को हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया. अब छात्राओं ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.