कर्नाटक के मंगलुरु में एक पुरानी मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिला है. ये पूरी घटना अप्रैल की है. इस मामले में हिंदू संगठनों ने प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है. उनका कहना है कि इस मामले में पूरी जांच करवाई जाए.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जगह पर आज मस्जिद बनी है, वहां कभी पहले मंदिर था. बाद में यहां मस्जिद बना दी गई. अप्रैल में जब इस पुरानी मस्जिद में मरम्मत कार्य चल रहा था, तब नीचे हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन पाया गया.
जानकारी के मुताबिक, मंगलुरु के बाहरी इलाके गुरुप्रा तालुक में ये पुरानी मस्जिद है. यहां मलाली मार्केट में मस्जिद परिसर में मरम्मत का काम चल रहा है. मस्जिद के एक हिस्से को पहले की गिरा दिया गया था. 21 अप्रैल को नीचे का मलबा हटाया गया तो स्ट्रक्चर देखने को मिला.
कुछ लोगों का कहना है कि मस्जिद बनने से पहले वहां पर एक मंदिर मौजूद था. विहिप नेताओं ने जिला प्रशासन से दस्तावेजों के सत्यापन तक काम रोकने की मांग की है.
फिलहाल, प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. प्रशासन का कहना है कि भू-अभिलेख के दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
बता दें कि हाल ही में यूपी के वाराणसी में भी स्ट्रक्चर को लेकर विवाद चल रहा है. वहां ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया गया है. कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी का सर्वे किया और इसकी रिपोर्ट स्थानीय अदालत में जमा की है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग बताकर प्रचारित किया जा रहा है, वह दरअसल फव्वारा है. वहां नमाज से पहले वुजू करने के लिए जाते हैं. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई होने तक शिवलिंग की सुरक्षा की जाए और मस्जिद में नमाज पढ़ने आने वालों को भी नहीं रोका जाए.
(रिपोर्ट- कार्तिक)