कर्नाटक में हनी ट्रैप मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पीड़ित मंत्री ने मौखिक रूप से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से शिकायत की और आरोप लगाया कि उन्हें साजिशन फंसाने की कोशिश की जा रही है. गुरुवार की सुबह पीड़ित मंत्री ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार के भीतर मुखर रहने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि एक मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने का प्रयास निंदनीय है.
कर्नाटक में हनी ट्रैप का यह पहला केस नहीं है. पिछली साल सितंबर के महीने में ऐसी ही घटना सामने आई थी. शातिर बदमाशों ने पुलिस अधिकारियों को फंसाया था और एक मामले में एक पुलिस अधिकारी से 7 लाख रुपये छीन लिए थे. इस केस में कलबुर्गी पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
आरोपियों में से अधिकांश ने दलित समुदाय के उत्थान के लिए एक संगठन बनाया था. एक महिला जिसे इस गिरोह का हिस्सा बनने के लिए जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया था, उसने शिकायत दर्ज कराई थी. उसकी शिकायत के आधार पर आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. महिला ने आरोप लगाया है कि उस पर गिरोह में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया और धमकी दी गई कि अगर शामिल नहीं हुई तो उसे मार दिया जाएगा.
इससे पहले जून-2024 में सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस (सीसीबी) ने कर्नाटक में प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले हनी ट्रैपिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस ऑपरेशन के दौरान मैसूर के मूल निवासी संतोष और पुट्टाराजू नामक दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था. एक युवती, जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है, वह भी इस गिरोह में शामिल थीं.