कर्नाटक में एक शख्स की गिरफ्तारी चर्चा में है. इसे लेकर राज्य में बवाल हो रहा है. कर्नाटक पुलिस ने 1992 के हुबली दंगा मामले में श्रीकांत पुजारी नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी से विपक्षी पार्टी बीजेपी गुस्से में है. आरोपी श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी के विरोध में विपक्ष बुधवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है.
बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक की विपक्षी सरकार बीजेपी ने हुबली दंगे मामले में आरोपी 50 साल के पुजारी की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन किया. इसके मद्देनजर पुलिस ने हुबली और राज्य के अन्य हिस्सों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रेणुका सुकुमार ने कहा कि बीजेपी के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए हमने आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.
अब इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक बार फिर कहा है कि क्या हमें उन लोगों को दंडित करने का अधिकार नहीं है, जिन्होंने गलत काम किया है? जो लोग (बीजेपी) प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या वे ये कह रहे हैं कि गलत करने वालों को सजा नहीं देनी चाहिए? आप लोगों को उनसे पूछना चाहिए कि प्रदर्शन करने के पीछे की उनकी मंशा क्या है? वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. हमने सिर्फ अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.
इससे पहले भी सिद्धारमैया ने कहा था कि अगर किसी ने गलती की है तो हम क्या करेंगे? जिसने अपराध किया क्या हम उसे खुला छोड़ दें. हमारी सरकार सारे पुराने मामले खत्म करेगी. पुलिस ने कानून के हिसाब से काम किया है. ये कोई नफरत की राजनीति नहीं है. किसी निर्दोष को हमने गिरफ्तार नहीं किया.
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वस के बाद हुए दंगों में कथित भागीदारी के लिए हुबली के शख्स की गिरफ्तारी का बीजेपी विरोध कर रही है.
हिंदुओं को निशाना बना रहे
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर हिंदू कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने पुजारी की गिरफ्तारी को हिंदुओं के खिलाफ विच हंट करार दिया है.
बीजेपी नेता डीवी सदानंद गौड़ा ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है.वहीं, बीजेपी नेता सीएन अश्वथ नारायण ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया है. कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि कांग्रेस सरकार गुंडागर्दी कर रही है. वे हिंदू कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं क्योंकि राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. वे गंदी राजनीति कर रहे हैं.
क्या है मामला?
साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहने के बाद कर्नाटक के हुबली में प्रदर्शन हुए थे. इस हिंसा में 50 साल के कारसेवक श्रीकांत पुजारी को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले में ही 31 साल बाद पुजारी को गिरफ्तार किया गया है. इस गिरफ्तारी पर सख्त विरोध जताते हुए बीजेपी ने पुजारी के खिलाफ कार्रवाई को गलत बताया है.
बीजेपी का कहना है कि SDPI और PFI को फ्री छोड़ देने वाले जानबूझकर 31 साल बाद राम भक्त को गिरफ्तार कर रहे हैं. क्योंकि राम मंदिर इनकी आंखों में खटक रहा है. इसके विरोध में BJP पूरे कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन कर रही है.