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कर्नाटक: हुबली दंगा के एक आरोपी ने जेल में की आत्महत्या की कोशिश, पी लिया तारपीन का तेल

हुबली में किसी शख्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिया था, जिस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताते हुए पुलिस से शिकायत की थी. इसके बाद केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. कार्रवाई से संतुष्ट न होने पर लोग थाने के बाहर इकट्ठा होने लगे थे.

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पुरानी हुबली में 16 अप्रैल को हुई थी हिंसा
पुरानी हुबली में 16 अप्रैल को हुई थी हिंसा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 16 अप्रैल को थाने में 1 हजार लोगों ने किया था हमला
  • डॉक्टरों ने कहा- हालत में हो रहा तेजी से सुधार

कर्नाटक के पुराने हुबली दंगा मामले के एक आरोपी मोहम्मद आरिफ ने जेल में तारपीन पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि सूचना पाकर जेल के अधिकारियों उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करा दिया. बताया जा रहा है कि वह अब खतरे से बाहर है, जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी. 16 अप्रैल को आधी रात को करीब एक हजार लोगों ने पुरानी हुबली पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. इस घटना में 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे.

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AIMIM के नेताओं समेत 146 हो चुके हैं अरेस्ट

जानकारी के मुताबिक ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन में पथराव की घटना के मामले में AIMIM नेता दादापीर बेटगेरी और पार्षद नजीर अहमद होन्याल समेत अब तक 146 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से 145 आरोपियों को हुबली, धारवाड़, बल्लारी और कलबुर्गी की जेलों में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया जबकि एक मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत में है.

हिंसा को सीएम ने कहा था बड़ी साजिश

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हिंसा को एक बड़ी साजिश करार दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर किसी पुलिस स्टेशन पर भीड़ द्वारा सुनियोजित व संगठित तरीके से हमला किया गया है, तो यह एक गंभीर मामला है. वहीं प्रदेश के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी कहा था कि यह घटना पूर्व नियोजित हो सकती है. 

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पुलिस को दागने पड़े थे आंसू गैस के गोले

उग्र भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर पथर बरसा रही थी तब पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था. फिर भी जब हालात काबू में नहीं आए तो पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे. 

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