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कर्नाटक: 'होनावड़ा में सिर्फ 11 एकड़ है वक्फ संपत्ति, बाकी किसानों की जमीन', मंत्री एमबी पाटिल ने दी सफाई

विजयपुरा के मंत्री एमबी पाटिल ने स्पष्ट किया कि होनावड़ा में 1,200 में से केवल 11 एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति है, बाकी सब किसानों की है. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी जमीन पर कोई दावा नहीं होगा और यह मुद्दा दस्तावेज में हुई गलती के चर्चा में आया है.

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कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल ने विजयपुरा वक्फ भूमि विवाद पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. (फोटो: फेसबुक)
कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल ने विजयपुरा वक्फ भूमि विवाद पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. (फोटो: फेसबुक)

कर्नाटक के विजयपुरा जिले के प्रभारी मंत्री एमबी पाटिल ने शनिवार को होनावड़ा, टिकोटा तालुक, विजयपुरा जिले में 1,200 एकड़ जमीन को लेकर चल रहे वक्फ संपत्ति विवाद पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि इस जमीन का सिर्फ 11 एकड़ हिस्सा वक्फ संपत्ति है, जबकि बाकी जमीन किसानों की है. 

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प्रेस कांफ्रेंस में पाटिल ने बताया कि 11 एकड़ में 10 एकड़ और 14 गुंठा कब्रिस्तान है, जिसमें एक ईदगाह, मस्जिद और अन्य ढांचे बाकी 24 गुंठा में स्थित हैं. उन्होंने कहा, 'बाकी सारी जमीन किसानों की है, जिसकी तहसीलदार और जिला कलेक्टर ने भी पुष्टि की है' . 

पाटिल ने बताया कि विजयपुरा जिले में वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना 1974, 1978 और 2016 में जारी हुई थी. असल में वक्फ संपत्ति महल बागायत में है, लेकिन गजट में गलती से महल बागायत के बाद होनावड़ा का नाम जोड़ दिया गया था. पाटिल ने बताया 'किसानों ने जब यह मामला उठाया, तो मैंने 19 अक्टूबर को जिला कलेक्टर, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें इसे सही तरीके से सुलझाने का निर्देश दिया.'

उन्होंने बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और बसनगौड़ा यतनाल से भी इस मामले को राजनीतिक रंग न देने की अपील की और भरोसा दिलाया कि किसानों की जमीन को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा. पाटिल ने स्पष्ट किया कि उनके बाबलेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले होनावड़ा गांव में 10 सर्वे नंबरों में सिर्फ 11 एकड़ जमीन ही वक्फ संपत्ति है. वक्फ बोर्ड ने 1974 की अधिसूचना में हुई इस गलती को 1977 में सुधार लिया था और होनावड़ा का नाम रिकॉर्ड से हटा दिया गया था.

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तहसीलदार और जिला कलेक्टर ने पुष्टि की है कि यह भ्रम गलती से दस्तावेज में हुए बदलाव के कारण हुआ. उन्होंने कहा, 'यह गलती हाल ही में सामने आई है. केवल वही संपत्तियां वक्फ संपत्ति के मानकों को पूरा करती हैं जो वक्फ भूमि के तौर पर आवंटित होंगी. किसानों और निजी मालिकों को घबराने की जरूरत नहीं है, और जल्द ही मैं अधिकारियों के साथ एक और बैठक करूंगा.'

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