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कर्नाटक: ‘जब कांग्रेस छोड़ी थी तब BJP ने दिया था पैसों का ऑफर’, MLA का दावा

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्रीमंत पाटिल का बयान लगातार विवाद का कारण बन रहा है. बीजेपी नेता ने कहा था कि कांग्रेस छोड़ने पर उन्हें पैसों का ऑफर मिला था. लेकिन अब विधायक ने अपने इस बयान से यू-टर्न ले लिया है.

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बीजेपी विधायक श्रीमंत पाटिल ने दिया बयान (फोटो: ANI)
बीजेपी विधायक श्रीमंत पाटिल ने दिया बयान (फोटो: ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नाटक के बीजेपी नेता ने किया बड़ा दावा
  • कांग्रेस छोड़ने पर मिला था पैसों का ऑफर: MLA
  • विवाद के बाद बयान से पलटे

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बीच राजनीतिक हलचल लगातार बनी हुई है. कांग्रेस का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए विधायक श्रीमंत पाटिल का बयान इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है. विधायक का कहना है कि जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी, तब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें साथ आने के लिए रकम ऑफर की थी. 

हालांकि, विधायक श्रीमंत पाटिल ने दावा किया कि उन्होंने बिना पैसे लिए ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी. पाटिल ने कहा, 'जब मैंने कांग्रेस छोड़ी तब बीजेपी ने पूछा था कि कितना पैसा चाहिए, तब भी मैंने एक भी रुपया नहीं लिया था. श्रीमंत पाटिल ने बयान पर विवाद होने के बाद इसे वापस लिया और कहा कि बीजेपी ने पैसा ऑफर नहीं किया था, मैंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. 

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बता दें कि श्रीमंत पाटिल कर्नाटक के कागवाड़ इलाके से विधायक हैं, पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस के जब कई विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था, उनमें से ये भी एक रहे थे. 

जल्द मंत्री बनने का आश्वासन 

मौजूदा कैबिनेट को लेकर श्रीमंत पाटिल ने बयान दिया कि उन्हें नहीं मालूम कि उन्हें कैबिनेट में क्यों शामिल नहीं किया गया, लेकिन पार्टी ने कैबिनेट विस्तार के वक्त उन्हें शामिल करने की बात कही है. बीजेपी विधायक का दावा है कि पार्टी ने कैबिनेट विभाग को लेकर उनसे चर्चा की है, जैसे ही कैबिनेट विस्तार होता है उन्हें जगह मिल सकती है. 

अपने दावेदारी की मजबूत करने के लिए विधायक श्रीमंत पाटिल ने कहा कि कर्नाटक का मराठा समुदाय चाहता है कि मुझे भी कैबिनेट में जगह मिले. 

गौरतलब है कि कर्नाटक की राजनीति में पिछले काफी लंबे वक्त से ही हलचल का दौर जारी है. हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी लीडरशिप में बदलाव किया, मुख्यमंत्री पद से बीएस. येदियुरप्पा ने नाम वापस लिया तो बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री पद दिया गया. 

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