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कर्नाटक के दो इंस्टिट्यूट में कोरोना विस्फोट, सामने आए 33 मामले, पांच ओमिक्रॉन पॉजिटिव

कर्नाटक के दो शिक्षण संस्थान में कोरोना विस्फोट देखने को मिला है. एक  संस्थान में 14 कोरोना मामले सामने आए हैं तो वहीं दूसरी संस्थान में 19 केस देखने को मिले हैं. चिंता की बात ये भी है कि इन 33 मामलों में से पांच ओमिक्रॉन वेरिएंट के केस हैं.

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कर्नाटक में तेजी से पैर पसार रहा ओमिक्रॉन ( सांकेतिक फोटो)
कर्नाटक में तेजी से पैर पसार रहा ओमिक्रॉन ( सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नाटक के दो इंस्टिट्यूट में कोरोना विस्फोट
  • सामने आए 33 मामले, पांच ओमिक्रॉन पॉजिटिव

कर्नाटक के दो शिक्षण संस्थान में कोरोना विस्फोट देखने को मिला है. एक  संस्थान में 14 कोरोना मामले सामने आए हैं तो वहीं दूसरी संस्थान में 19 केस देखने को मिले हैं. चिंता की बात ये भी है कि इन 33 मामलों में से पांच ओमिक्रॉन वेरिएंट के केस हैं. इसके अलावा यूके से आया एक शख्स ओमिक्रॉन पॉजिटिव निकल गया है.

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कोरोना की कर्नाटक में फुल स्पीड

कर्नाटक सरकार इन मामलों को राज्य में खतरे की घंटी की तरह देख रही है. एक साथ एक ही जगह पर इतने संक्रमितों का मिलना राज्य सरकार को परेशान कर गया है. प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है, लेकिन मामलों का तेज गति से बढ़ना चुनौती को बढ़ा गया है. देश में भी इस समय ओमिक्रॉन की रफ्तार तेज होती जा रही है. मामलों का शतक तो पहले ही हो चुका है, अब तीसरी लहर का डर भी सताने लगा है.

एक्सपर्ट ने क्या बताया?

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अगले साल की शुरुआत में ओमिक्रॉन की वजह से तीसरी लहर आ सकती है. मामले शायद दूसरी लहर की तुलना में कुछ कम रहे, लेकिन रोज के एक लाख से ज्यादा मरीज सामने आ सकते हैं. ये अनुमान राष्ट्रीय COVID-19 सुपरमॉडल समिति ने लगाया है. उनके मुताबिक शायद तीसरी लहर दूसरे की तुलना में कम घातक रहे, लेकिन मामलों में इजाफा हो सकता है. इस बात की भी चिंता है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल सकता है.

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दुनिया में कैसे हालात?

अभी इस समय ओमिक्रॉन को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है. शुरुआती शोध के बाद सिर्फ ये कहा जा रहा है कि ये डेल्टा की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. हांगकांग यूनिवर्सिटी ने तो इसे 70 प्रतिशत तक ज्यादा संक्रामक मान लिया है. WHO भी कह रहा है कि ओमिक्रॉन की वजह से मामले हर 1.5 दिनों में डबल होते दिख रहे हैं. जहां पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ है, उन जगहों पर और ज्यादा तेजी से फैलता दिख रहा है. ब्रिटेन में भी अब मामले बहुत तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं. एक लाख के करीब रोज संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इन बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में भी बूस्टर डोज को लेकर बहस छिड़ गई है. अभी तक कोई ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन केंद्र ने इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है.

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