कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले माइसूरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) के अध्यक्ष के मरीगौड़ा ने बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए मुख्य रूप से स्वास्थ्य कारणों और मुख्यमंत्री के निर्देशों का हवाला दिया है.
मरीगौड़ा ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत की और राजनीतिक दबाव में इस्तीफा देने के दावों को खारिज किया. उन्होंने कहा, "मैंने मंत्री से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया. मुख्यमंत्री ने मुझे इस्तीफा देने के निर्देश दिए और उनकी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मैंने ऐसा किया. इसके अलावा, अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते मैंने पद छोड़ने का फैसला किया है. एक न्यायिक जांच जारी है, जो सच को सामने लाएगी."
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स्वेच्छा से दे रहा हूं इस्तीफा- मरीगौड़ा
मरीगौड़ा ने आगे कहा "मुझ पर इस्तीफा देने का कोई दबाव नहीं था. मेरी सेहत वाकई में अच्छी नहीं है, इसलिए मैं स्वेच्छा से पद छोड़ रहा हूं. मैं मुख्यमंत्री को 40 से अधिक वर्षों से जानता हूं. उन्होंने मुझे जिला अध्यक्ष नियुक्त किया और कभी भी कुछ इल्लीगल करने को नहीं कहा, यहां तक MUDA मामले में भी. कभी कुछ अवैधानिक करने के लिए नहीं कहा. मैं व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं; मैंने दो स्ट्रोक झेले हैं और आगे जारी नहीं रह सकता."
बीमार होने के बाद अस्पताल में कराए गए थे एडमिट
पिछले महीने, मरीगौड़ा ने बताया था कि वह बीमार चल रहे हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल में भर्ती होने के बाद, उन्हें विशेष इलाज के लिए माइसूरु स्थानांतरित किया गया. बीजेपी और विपक्ष के आरोपों के बाद से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मरीगौड़ा दोनों ही विवादों में घिर गए हैं.
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सिद्धारमैया की पत्नी को जमीन आवंटन का केस
बीजेपी ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है, खासकर कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के बाद से उनके इस्तीफे की मांग तेज है. यह मामला मुख्य रूप से किए गए आवंटनों को लेकर है, जिसमें उनकी पत्नी बीएम पार्वती को माइसूरु के उच्च मूल्य वाले इलाके में जमीन आवंटित की गई थी. इसमें आरोप हैं कि उनकी पत्नी पार्वती को दी गई जगह का मूल्य उनकी जमीन की तुलना में अधिक था.