कर्नाटक के तुमकुरु जिला अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही से यहां तीन मौतें हुई है. बुधवार शाम भारतीनगर की कस्तूरी नाम की एक गर्भवती महिला लेबर पेन होने पर जिला अस्पताल पहुंची थी. वह तमिलनाडु की एक अनाथ लड़की थी और उसके पास आधार कार्ड सहित पहचान पत्र नहीं था. लेकिन उसे भर्ती करने के लिए अस्पताल स्टाफ ने उससे आधार कार्ड मांगा. अस्पताल की ओर से कहा गया कि आधार कार्ड जमा न करने पर महिला को भर्ती नहीं किया जा सकता है. इस वजह से कस्तूरी घर लौट आई और गुरुवार सुबह उसने घर पर ही जुड़वां लड़कों को जन्म दिया.
जन्म के बाद सही देख देख न मिलने से थकी मां और दोनों बच्चों की मौत हो गई. बता दें कि कस्तूरी के पति का पहले ही निधन हो गया था और उसकी पहले से ही 7 साल की एक बेटी है. घटना का खुलासा होते ही डीएचओ डॉ मंजूनाथ और डीएस डॉ वीना ने घटनास्थल का मुआयना किया. इस दौरान आक्रोशित स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. डीएचओ ने कहा कि नर्सों को सस्पेंड कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है
बता दें कि अस्पताल की लापरवाही के चलते ये कोई पहला मौत का मामला नहीं है बल्कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं. हाल में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही के चलते ही बड़ा हादसा हुआ था. दरअसल यहां के मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल ऑफ महात्मा गांधी के एनआईसीयू में वार्मर के ओवरहीट होने के चलते 2 नवजात बच्चों की जान चली गई. स्टाफ की लापरवाही के चलते ये बड़ा हादसा हुआ था.
पुलिस ने बताया कि मृत बच्चों में एक लड़की और एक लड़का थे. जहां 21 दिन की बच्ची की तुरंत ही मौत हो गई वहीं दूसरे बच्चे की गुरुवार को मृत्यु हो गई. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की मौत के समय ड्यूटी पर मौजूद दो कंट्रैक्चुअल नर्सिंग स्टाफ को बर्खास्त कर दिया गया और तत्काल प्रभाव से जांच कमिटी बनाई गई.