किसान आंदोलन के मुद्दे पर रिहाना, मिया खलीफा, ग्रेटा थनबर्ग जैसी कई विदेशी हस्तियों ने टिप्पणी की. जिसको लेकर भारतीय सेलिब्रिटीज ने तगड़ा रिएक्शन दिया है. क्रिकेट जगत के दिग्गजों ने भी इन विदेशी हस्तियों के बयान पर रिएक्ट किया है. सचिन, कुंबले, धवन, रैना आदि ने ट्वीट पर विदेशी हस्तियों को भारत के आंतरिक मामलों में दखल न देने की नसीहत दी. लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने आरोप लगाया कि बीसीसीआई क्रिकेटरों को ऐसे ट्वीट करने के लिए फोर्स कर रहा है.
बता दें कि सांसद कार्ति चिदंबरम पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बीसीसीआई क्रिकेटरों को ऐसे ट्वीट करने के लिए फोर्स न करे. यह काफी बचकाना है.
दरअसल, किसान आंदोलन पर विदेशी हस्तियों की टिप्पणी पर सचिन तेंदुलकर ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते-समझते हैं. उन्हें ही भारत के लिए फैसला लेना चाहिए. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें. सचिन ने आखिर में अपने ट्वीट में #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैश टैग का इस्तेमाल किया.
इस मसले पर पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत अपने आंतरिक मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने में सक्षम है. वहीं, ओपनर शिखर धवन ने लिखा कि किसी सॉल्यूशन पर पहुंचना इस वक्त हमारे महान देश के लिए अत्यंत आवश्यक है. एक अच्छे और सुनहरे भविष्य के लिए आइए एक साथ खड़े होकर आगे बढ़ते हैं.
Dear @BCCI please stop forcing cricketers from tweeting propaganda. It’s very crude.
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) February 3, 2021
वहीं इस मसले पर पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी विदेशी हस्तियों के ट्विटर पर बयानबाजी को आड़े हाथ लिया. रैना ने लिखा कि एक देश के रूप में कुछ समस्याएं होती हैं, जिन्हें आज या कल सॉल्व कर लिया जाएगा. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम बंट जाएं या बाहरी ताकतों से परेशान हों. रैना ने कहा कि सबकुछ सौहार्दपूर्ण और निष्पक्ष बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है.
वहीं, साइना नेहवाल ने इस मसले पर अपने ट्वीट में लिखा कि किसान हमारे देश का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके मुद्दों को हल करने के लिए किए जा रहे प्रयास स्पष्ट हैं. मतभेद पैदा करने वाले किसी व्यक्ति पर ध्यान देने के बजाय एक सौहार्दपूर्ण संकल्प का समर्थन करें.
गौरतलब है कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर विदेशी हस्तियों की टिप्पणी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सख्त तेवर दिखाए हैं. मंत्रालय ने इसे गैर-जिम्मेदाराना हरकत ठहराया. उधर, होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा है कि कोई प्रोपेगेंडा देश की एकता को नहीं तोड़ सकता. एकजुट होकर प्रगति की ओर चलेंगे.